आइएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की सीबीआइ हिरासत तीन दिन और बढ़ा कर 12 मार्च तक कर दी है। इससे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने उन्हें आज ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी।
#INXMediaCase: CBI gets custody of #KartiChidambaram till 12th March pic.twitter.com/imaeN8jG2G
— ANI (@ANI) 9 मार्च 2018
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सीबीआइ को तिहाड़ जेल में बंद कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कररमण से आमने-सामनाे बैठाकर पूछताछ करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने भास्कररमण की न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक बढ़ा दी। इस मामले में उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था।
Delhi's Patiala House Court allows the CBI application seeking permission to confront #KartiChidambaram with his chartered accountant Bhaskaraman in Tihar jail.
— ANI (@ANI) 9 मार्च 2018
इससे पहले, सीबीआइ ने कार्ति चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया और उनकी हिरासत अवधि छह दिन और बढ़ाने का अनुरोध किया। कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था। कोर्ट में कार्ति के पिता पी चिदंबरम और मां नलिनी चिदंबरम भी मौजूद थीं।
P Chidambaram and Nalini Chidambaram leave from #Delhi's Patiala House Court. pic.twitter.com/LSkYdPy7M1
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इससे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने कार्ति को ईडी की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। यह राहत मामले की अगली सुनवाई तक के लिए है। मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। हाइकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी किए जाने और सुनवाई को चुनौती देने वाली कार्ति की याचिका पर केंद्र सरकार और ईडी से जवाब मांगा।
सीबीआई ने 28 फरवरी को चेन्नई हवाईअड्डे से कार्ति को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुए कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
इससे पहले, अदालत से उन्होंने सीबीआई पर यह आरोप लगाते हुए जमानत मांगी थी कि सीबीआई उनके पिता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से केंद्र के इशारे पर काम कर रही है। पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड ( एफआइपीबी) की मंजूरी मिली थी।