मुंबई की विशेष पीएमएलए और सीबीआई अदालतों ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 18 मार्च से 26 अप्रैल के बीच अपने गृहनगर नागपुर और नई दिल्ली जाने की अनुमति दी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उन्हें शहर छोड़ने से पहले एक लाख रुपये की सुरक्षा राशि जमा करने का भी निर्देश दिया। पिछले महीने भी अदालतों ने देशमुख की इसी तरह की अर्जी मंजूर की थी।
देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी हैं, जिनकी जांच क्रमशः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहे हैं। उनकी जमानत शर्तों में से एक अदालत की अनुमति के बिना शहर नहीं छोड़ना है।
अधिवक्ता इंदरपाल सिंह के माध्यम से दायर दो अलग-अलग आवेदनों में देशमुख ने मुंबई से बाहर यात्रा करने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा कि वह सामाजिक और पारिवारिक संबंध बनाए रखने के लिए नागपुर जाना चाहते हैं और दिल्ली में अपने वकील से सलाह लेना चाहते हैं।
एनसीपी नेता को नवंबर 2021 में ईडी ने गिरफ्तार किया था और सीबीआई ने उन्हें अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने से पहले वह एक साल से अधिक न्यायिक हिरासत में थे।
मार्च 2021 में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने शहर में रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये एकत्र करने के लिए पुलिस अधिकारियों को लक्ष्य दिया था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया।