आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत ने चिदंबरम को 30 अक्टूबर तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में भेज दिया है। हालांकि इस बीच एम्स में उनके स्वास्थ्य की जांच भी कराई जाएगी।
पी चिदंबरम को सात और दिन के लिए कस्टडी में भेजे जाने के अनुरोध संबंधी ईडी की याचिका पर स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने यह फैसला दिया। वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम बहुत बीमार हैं और उन्होंने हैदराबाद में इलाज के लिए दो दिन की अंतरिम जमानत मांगी।
ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दस्तावेजी सबूत सामने आया है जिससे चिदंबरम के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े होने का पता चलता है। चिदंबरम से और पूछताछ किए जाने की जरूरत है। बता दें कि ईडी ने 16 अक्टूबर को चिदंबरम को हिरासत में लिया था और ईडी की कस्टडी 24 अक्टूबर को समाप्त हो गई थी।
हाई कोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम की जमानत अर्जी पर ईडी को नोटिस जारी किया और ईडी से सात दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। चिदंबरम ने बुधवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। इस याचिका में उन्होंने कहा है उनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के इरादे ठीक नहीं हैं और ये सब उनकी छवि को खराब करने के लिए किया जा रहा है। सीबीआई जांच वाले मामले में चिदंबरम को मंगलवार को जमानत मिल गई थी लेकिन ईडी मामले में उन्हें जमानत नहीं मिलने की वजह से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए।
ये है मामला
वित्त मंत्री रहते पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया था। मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने 2017 में इस बारे में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी आरोपी हैं।