प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी सभी को समान रूप से प्रभावित कर रही है। उन्होंने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि कोविड-19 किसी जाति, धर्म, रंग, भाषा या सीमा में कोई भेद नहीं करता है। इसलिए हमें इससे लड़ने के लिए एकता और भाईचारा दिखाना होगा। इसके बारे में हम एकसाथ हैं।
आज दुनिया के सामने एक जैसी चुनौती
पीएम ने कहा कि इतिहास के बीते पलों में देश और समाज एक-दूसरे का सामना करते थे लेकिन आज हमारे सामने एक जैसी चुनौती है। एकजुटकता और मजबूती ही भविष्य तय करेगी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि भारत के लिए एक अन्य बड़ा आइडिया वैश्विक प्रासंगिकता और मिलजुलकर काम करने का है। न सिर्फ भारत के लिए बल्कि समूची मानव जाति के लिए सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयास होना चाहिए।
कोरोना ने पेशेवर जिंदगी बदल दी
मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण ने पेशेवर जिंदगी बदल दी है। आज घर ऑफिस बन गए हैं और इंटरनेट मीटिंग रूम में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह भी इन बदलावों को अपना रहे हैं। सहयोगी मंत्रियों, अधिकारियों और विश्व नेताओं के साथ अधिकांश बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही है।
नए मॉडल पर सोचने का सही समय
कारोबार और जीवन शैली के ऐसे मॉडल पर सोचने का यह सही समय है जिन्हें आसानी से अपनाया जा सके। इस तरह संकट के समय में भी हमारे कार्यालय, कारोबार और व्यापार जनहानि की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आसानी से किया जा सकता है। आज दुनिया नए बिजनेस मॉडल तलाश रही है। अपनी इनोवेटिव सोच के लिए मशहूर युवा देश भारत नई कार्य संस्कृति विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
भारत बन सकता है सप्लाई चेन का ग्लोबल नर्व सेंटर
फिजिकल और वर्चुअल के सटीक मिश्रण के साथ भारत कोविड-19 के बाद मल्टीनेशनल सप्लाई चेन के ग्लोबल नर्व सेंटर के रूप में उभर सकता है। हमें इस अवसर को हासिल करने के लिए आगे आना चाहिए। आज वर्क प्लेस डिजिटल फर्स्ट हो रहे हैं।