देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार तक 53,007 लोग संक्रमित हो चुके है जबकि 1,785 लोगों की मौत हो गई। देश-दुनिया में इस संक्रमण की वैक्सीन विकसित करने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। इस बीच, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत में मौजूदा आंकलन के मुताबिक कोविड 19 अभी खत्म होने वाला नहीं है। इसका पीक जून और जुलाई में आएगा।
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'जिस तरह से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उससे यह जाहिर है कि जून और जुलाई में यह चरम पर होगा। इन दो महीनों में इसके सर्वाधिक मामले सामने आ सकते हैं।' उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी रोकथाम के कुछ हुए उपाय हैं लेकिन यह समय के साथ ही पता चलेगा कि वह कितने कारगर हैं।
जिंदगी जीने का तरीका बदलेगा
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि ये लंबी लड़ाई है। ऐसा नहीं है कि जब पीक आवर चला जाएगा तो कोरोना खत्म हो जाएगा। हमारा जिंदगी जीने का तरीका काफी लंबे समय के लिए बदलेगा। कब तक कोरोना के मामले चलेंगे, कितना लंबा यह चलेगा, यह अभी से नहीं कह सकते। लेकिन उम्मीद करते हैं कि धीरे-धीरे कोरोना के मामलों में कमी आएगी। बहुत सारी दवाओं पर काम चल रहा है।
लॉकडाउन में उतने मामले नहीं बढ़े
लॉकडाउन से क्या फायदा मिला इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस दौरान जितने मामले दुनिया के और देशों में बढ़े हैं उतने हमारे देश में नहीं बढ़े। इसके अन्य फायदे बताते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से हमें समय मिला कि हम कई चीज़े कर पाएं, चाहे वो इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की बात हो, कोविड केयर अस्पताल बनाना हो, कोविड केयर फैसिलिटी तैयार करनी हो, कोविड आईसीयू हो या ट्रेनिंग की बात हो। पहले हम रोजाना हजार दो हजार टेस्ट कर रहे थे। अब 80-90 हजार टेस्ट कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए काफी समय मिला।