कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पार्टी 1952 से अभी तक हाथ से बने चुनाव चिन्ह 'हसिला बाली' पर चुनाव लड़ती रही है। इस बार के लोकसभा चुनावों में इसे ईवीएम पर डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल कर छापा जाए।
पार्टी के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि सीपीआई हसिया बाली चुनाव चिन्ह का 1952 से इस्तेमाल करती आ रही है। सीपीआई ही एक अकेली ऐसी पार्टी है जो आजादी से सभी चुनाव एक ही चुनाव चिन्ह पर लड़ती रही है।
'मजदूर वर्ग से जुड़ी है पार्टी'
उन्होंने सुझाव दिया है कि इन चुनावों में नई प्रिंटिंग तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए डिजीटल प्रिटिंग से इसे रंगीन छापा जाए, ताकि यह साफ और स्पष्ट हो। उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार शिकायत भी की गई है। सीपीआई का कहना है कि उनकी पार्टी निचले तबके और मजदूर वर्ग से जुड़ी पार्टी है इसलिए चुनाव चिन्ह की छपाई साफ हो ताकि आसानी से समझ में आ सके।