मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने त्रिपुरा में पार्टी के विधायक और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री बादल चौधरी को अस्पताल से गिरफ्तार किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार की इस तरह की दमनकारी कार्रवाई से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं टूटेगा। माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि चौधरी को बिना किसी ठोस आधार के उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अस्पताल में भर्ती थे और त्रिपुरा उच्च न्यायालय से उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पर आदेश पारित होना था।
आरोपों को बताया निराधार
पोलित ब्यूरो ने पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहे चौधरी के खिलाफ लगाए गये वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को गलत बताते हुये कहा कि निराधार आरोपों के चलते अस्पताल के सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती नेता को गिरफ्तार करना सरकार के दमनकारी रवैये को दर्शाता है। पार्टी ने कहा कि चौधरी के मामले में माकपा कानूनी और राजनीतिक लड़ाई पूरी शिद्दत से लड़ेगी। पोलित ब्यूरो ने त्रिपुरा में भाजपा सरकार के तथाकथित दमनचक्र के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता से अपने आंदोलन को सुचारु रखने की अपील की।
पिछले दिनों कराया गया था अस्पताल में भर्ती
पिछले दिनों बादल चौधरी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें राजधानी अगरतला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह 600 करोड़ रुपये के पीडब्ल्यूडी घोटाले में आरोपी हैं। इससे पहले, त्रिपुरा की एक अदालत ने बादल चौधरी की अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अग्रिम जमानत नहीं मिलने के बाद सुरक्षा कर्मियों द्वारा सीपीआई मुख्यालय और एमएलए हॉस्टल में आरोपी विधायक की तलाश की गई।
600 करोड़ रुपए के घोटाले में आरोपी
पूर्व पीडब्लूडी मंत्री बादल चौधरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की केंद्रीय समिति के सदस्य हैं और उन पर 600 करोड़ रुपये के पीडब्ल्यूडी घोटाले में वह आरोपी हैं, जिसको लेकर अदालत ने उनकी याचिका को खारिज किया था।