कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 39 दिन हो चुके हैं। कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच भी किसान बैठे हुए हैं। इस दौरान किसानों के मरने की खबर भी लगातार सामने आ रही हैं। दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक और किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। मृतक किसान की पहचान जींद के रहने वाले करीब 60 वर्षीय जगबीर सिंह के रूप में हुई है। वो पिछले 38 दिन से किसानो के लिए संघर्ष कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, अब तक 50 से ज्यादा किसानों की अलग-अलग बॉर्डर पर मौत हो चुकी है। मृतक किसानों में ज्यादातर बुजुर्ग किसान शामिल हैं। इन मौतों की वजह से किसान संगठनों में सरकार के प्रति गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। उनका कहना है कि सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है।
शनिवार को गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल एक किसान ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। रिपोर्ट के मुताबिक किसान ने धरनास्थल पर शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या की।
मृत किसान कश्मीर सिंह ने आत्महत्या से पहले एक कथित सूइसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर एक अपील भी लिखी। उन्होंने लिखा कि उनकी शहादत बेकार ना जाए।
इससे पहले गाजीपुर सीमा पर शुक्रवार को एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी। बागपत जिले के भगवानपुर नांगल गांव के निवासी मोहर सिंह (57) को धरनास्थल पर ही दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।