पिछले महीने दिल्ली में हुए दंगे में मरने वालों की संख्या 53 हो गई है। गुरुवार तक गुरु तेगबहादुर अस्पताल ने 44 लोगों की मौत की पुष्टि की है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने 5, एनएनजेपी अस्पताल ने 3 और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ने एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि की है। अब भी 200 से अधिक लोग घायल हैं। वहीं, हिंसा फैलाने के आरोप में पुलिस ने करीब 800 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
इन इलाकों में भड़की हिंसा
दरअसल, सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के विरोध और समर्थक में निकले प्रदर्शन में दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाकों में दो समूहों के बीच हुई हिंसा में पिछले सप्ताह मंगलवार को उन्मादी भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा ने मुख्य रूप से दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग और शिव विहार को अपने चपेट में ले लिया।
हिंसा में आईबी कर्मचारी की हुई मौत
भड़की हिंसा में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की भी मौत हुई थी। जिसका आरोप उनके परिवार वालों ने आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन पर लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद ताहिर हुसैन ने कहा था कि उन्हें जानबूझ कर इस मामले में फंसाया जा रहा है। इसके बाद गुरुवार (5 मार्च) को ताहिर की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
क्राइम ब्रांच कर रही है जांच
हिंसा मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 27 फरवरी को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया था। जांच के लिए गठित दो एसआईटी टीमों का नेतृत्व डीसीपी जॉय तिर्की और राजेश देव कर रहें हैं। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों की जांच कर रही है।