गौरतलब है कि राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ को जिम्मेवार ठहराया था। जिसको लेकर राहुल गांधी पर मानहानि का केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि राहुल गांधी को इस बात का सबूत देना होगा कि यह बयान जनहित में दिया गया। अदालत ने कहा कि केस का फैसला इसी आधार पर होना चाहिए कि यह बयान आम लोगों के हित में था या नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह का बयान देकर पूरे संगठन को बदनाम नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को 27 जुलाई तक अपना पक्ष रखने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले भी राहुल गांधी को खेद जताने के लिए कहा था जिसे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मानने से इंकार कर दिया था और कहा था कि इस मामले का सामना करेंगे। राहुल के वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि इस मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष अपना पक्ष रखेंगे। राहुल गांधी के संघ के बारे में दिए गए बयान को लेकर कई जगह प्रतिक्रिया हुई थी और कई अदालतों में मानहानि की याचिका दायर की गई थी। जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है।