नवी मुंबई में प्रौद्योगिकी एवं पदार्थ विज्ञान पर उद्योग प्रदर्शनी के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में पर्रीकर ने कहा, पिछले 23 महीनों से मेरे पास प्रभार है और इस दौरान हमने 22 सौ अरब रुपए मूल्य के अनुबंध पर दस्तखत किये हैं। हाल ही में हमने सरकारी कंपनी गोवा शिपयार्ड के साथ 32 हजार करोड़ रपये के अनुबंध को लेकर आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये। इससे कुल आर्डर 25 सौ अरब रपये का हो गया है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि अगले छह महीने में 50 हजार से 60 हजार करोड़ रुपए मूल्य के अनुबंध पर और हस्ताक्षर किये जाएंगे। इससे कुल अनुबंधों का मूल्य तीन हजार अरब रुपए हो जाएगा।
मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने अगस्त में नौसेना के लिये जहाज के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। करीब 32 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना गोवा शिपयार्ड को मिली है। रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी से विनिर्माण को मिलने वाली रफ्तार से जुड़े प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि निर्यात छह गुना से अधिक बढ़कर तीन हजार करोड़ रुपये का हो गया, जो पिछले दो साल में पांच सौ करोड़ रुपये था। रक्षा मंत्री ने कहा, मेक इन इंडिया अभियान से रक्षा निर्यात पांच सौ करोड़ रुपये से बढ़कर तीन हजार करोड़ रुपये का हो गया है। हालांकि मंत्रालय आंकड़ा केवल 21 सौ करोड़ रुपये बताएगा। इसका एक कारण यह है कि विमानन क्षेत्र का सामान इसमें शामिल नहीं है, क्योंकि यह अब लाइसेंस मुक्त है।