राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुधवार को हुई अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पर जमकर सियासत जारी है। इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी बुधवार शाम जहांगीरपुरी पहुंचे। यहां ओवैसी ने भाजपा और दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान ओवैसी को पुलिस ने जहांगीरपुरी में दौरा नहीं करने दिया। उन्होंने कहा कि बिना नोटिस बुलडोजर चलाना गलत है।
इस दौरान ओवैसी ने कहा कि हनुमान जयंती के दिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी तो शोभा यात्रा कैसे हुई? लोगों के पास हथियार कैसे थे? अगर उन्होंने (पुलिस) उन्हें रोक दिया होता और हथियार जब्त कर लिए होते, तो हमें यह दिन देखने की जरूरत नहीं होती। फिलाहाल, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
उन्होंने कहा, “पुलिस ने जामा मस्जिद पर रोक लिया। 6-7 साल से भाजपा की सरकार है तब क्यों नहीं तोड़ा? पुलिस ने यात्रा की अनुमति नहीं दी तो यात्रा कैसे निकली? अरविंद केजरीवाल के घर हमला हुआ उन्होंने आसमान सर पर उठा लिया था।”
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने सत्तासीन पार्टियों भाजपा और आप को इतिहास याद दिलाया था और चेताया कि शक्ति शास्वत नहीं है। यह कभी इसके किसी के हाथ में होती है तो कभी किसी के हाथ में। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा और आप याद रखें कि जो लोग 1976 में सत्ता में थे वो अब नहीं हैं।
ओवैसी ने नॉर्थ एमसीडी द्वारा अवैध निर्माण गिराए जाने के फैसले को 'बीजेपी का गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान बताया है'। साथ ही इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजेरीवाल की भूमिका को संदिग्ध बताया है। असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा है, "बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। बीजेपी अतिक्रमण के नाम पर यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी घरों को तबाह करने जा रही है। कोई नोटिस नहीं, अदालत जाने का मौका नहीं। बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की सजा देना है। अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका को स्पष्ट करना चाहिए।
अपने अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि क्या उनकी सरकार का पीडब्ल्यूडी इस 'विध्वंस अभियान' का हिस्सा है? क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें इस तरह के विश्वासघात और कायरता के लिए ही उन्हें वोट दिया था? उनका बार-बार बचना और ये कहना कि 'पुलिस हमारे नियंत्रण में नहीं है' यहां काम नहीं करेगा। अपने ट्वीट के अंत में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, निराशाजनक स्थिति।"
बता दें कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं। हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था। इसके बाद बुधवार को जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत कार्रवाई हुई।