दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 2025-26 के लिए दिल्ली नगर निगम में 14 विधायकों को नामित किया है।आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, "दिल्ली विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने के लिए 14 विधानसभा सदस्यों (विधायकों) को नामित किया है। ये नामांकन नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 3(3)(बी)(ii) के अनुसार किए गए हैं।"
नामांकन पर बोलते हुए विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि नियुक्त विधायक बजट निर्माण, नागरिक प्रशासन और शहरी शासन में एमसीडी की सहायता करेंगे। दिल्ली के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वच्छता, बुनियादी ढांचे के विकास और अन्य नगरपालिका चुनौतियों का समाधान करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
मनोनित सदस्य की सूची : अनिल कुमार शर्मा (कांस्टीट्यूएंसी: आरके पुरम), चंदन कुमार चौधरी (कांस्टीट्यूएंसी: संगम विहार), जितेन्द्र महाजन (कांस्टीट्यूएंसी: रोहतास नगर), करनैल सिंह (कांस्टीट्यूएंसी: शकूर बस्ती), मनोज कुमार शौकीन (कांस्टीट्यूएंसी: नांगलोई), नीलम पहलवान (कांस्टीट्यूएंसी: नजफगढ़), परद्युमन सिंह राजपूत (कांस्टीट्यूएंसी: द्वारका), प्रवेश रत्न (कांस्टीट्यूएंसी: पटेल नगर), राज कुमार भाटिया (कांस्टीट्यूएंसी: आदर्श नगर), राम सिंह नेताजी (कांस्टीट्यूएंसी: बदरपुर), रवि कांत (कांस्टीट्यूएंसी: त्रिलोकपुरी), संजय गोयल (कांस्टीट्यूएंसी: शाहदरा), सुरेंद्र कुमार (कांस्टीट्यूएंसी: गोकलपुर), तरविंदर सिंह मारवाह (कांस्टीट्यूएंसी: जंगपुरा)।
बुधवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर अधिकारियों द्वारा विधानसभा सदस्यों के पत्र, फोन कॉल या संदेशों का जवाब न देने पर चिंता व्यक्त की।पत्र में गुप्ता ने कहा, "कुछ ऐसे मामले मेरे संज्ञान में लाए गए हैं, जहां माननीय सदस्यों द्वारा पत्र, फोन कॉल या संदेश के रूप में किए गए संचार की संबंधित अधिकारी द्वारा पावती भी नहीं दी गई है।"गुप्ता ने मुख्य सचिव से आग्रह किया कि वे प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों तथा दिल्ली पुलिस और डीडीए के प्रमुख अधिकारियों को सख्त अनुपालन के लिए जागरूक करें।
पत्र में कहा गया है, "यह एक गंभीर मामला है और मुझे लगता है कि इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग, दिल्ली सरकार और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सरकारी निर्देशों को दोहराने की तत्काल आवश्यकता है।"