दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 22 और 23 नवंबर को तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ करने की अनुमति दे दी है। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने एजेंसी द्वारा दी गई याचिका पर यह आदेश जारी किया। इससे पहले अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ा दी थी। हाईकोर्ट ने ईडी मामले में कांग्रेस के 74 वर्षीय वरिष्ठ नेता की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप गंभीर थे और उन्होंने अपराध में "सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका" निभाई है। कोर्ट ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाले अपराधियों को यदि सजा न दी जाए तो इसका असर पूरे समुदाय पर पड़ता है।
उच्च न्यायालय ने की थी जमानत अर्जी खारिज
चिदंबरम ने उच्च न्यायालय में यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि चूंकि सभी सबूत दस्तावेजी हैं और जांच एजेंसियों के पास हैं इसलिए वे उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकते। ईडी ने उनके इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया था कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने और धमकाने की कोशिश की है।
चिदंबरम को आइएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पहली बार 21 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया गया था। 22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया और वे तब से ट्रायल कोर्ट के आदेश के तहत 27 नवंबर तक वे न्यायिक हिरासत में हैं।
पहले सीबीआई ने तय किए थे आरोप
वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को दर्ज किया था। इसके बाद, ईडी ने 2017 में इस संबंध में मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।