टेरर फंडिंग मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दो मामलों में मलिक को ये सजा सुनाई है जबकि 10 अन्य मामलों में 10 साल की सजा सुनाई गई। यासीन मलिक की सभी सजा एक साथ चलेंगी। हालांकि एनआईए की तरफ से फांसी की मांग की गई थी। उधर श्रीनगर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। यासीन मलिक के समर्थक सुरक्षाबलों पर पथराव कर रहे हैं। श्रीनगर में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने के मद्देनजर कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
वकील उमेश शर्मा ने अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि 'यासीन मलिक को दो मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, जबकि 10 अन्य मामलों के लिए 10 साल कठोर कैद की सजा और साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।' एडवोकेट शर्मा ने बताया कि अगर जुमार्ना नहीं देते हैं तो उसके बदले सज़ा मिलेगी। यह हाईकोर्ट में सिर्फ सज़ा के ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं, निर्णय के ख़िलाफ़ नहीं। वहीं, यासीन मलिक को तिहाड़ जेल ले जाया जाएगा।
वहीं, एडवोकेट अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि यासीन मलिक को धारा 17 यूएपीए के तहत आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये का जुर्माना, 120बी के तहत 10 साल कैद और 10,000 रुपये जुर्माना और आईपीसी और यूएपीए की अन्य धाराओं की सजा सुनाई गई है।
बता दें कि टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली के कोर्ट रूम में यासीन मलिक को पेश करने से पहले डॉग स्क्वायड और थर्मल स्कैनिंग हुई थी।
मलिक ने टेरर फंडिंग केस के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत आरोप भी शामिल हैं। इस बीच केस की जांच कर रही एनआईए ने यासीन मलिक को सजा-ए-मौत यानी फांसी की मांग की है। दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था। एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था।
मलिक पर ये हैं आरोप
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से लेकर उन गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप लगा है। उसपर आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने का आरोप लगा है। इसके अलावा यासीन मलिक पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, देशद्रोह समेत हिंसा के कई मामले में आरोप दर्ज है, जिनपर फांसी या उम्रकैद की सजा होती है।
इन पर भी तय किए गए हैं आरोप
अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे।