कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की नई पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या' के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री पर रोक लगाने से दिल्ली के एक कोर्ट ने इनकार कर दिया है। बुधवार को सलमान खुर्शीद की नई पुस्तक को लेकर सुनवाई हुई, याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहा कि उसकी भावना आहत हुई है। अब इसकी याचिका पर सुनवाई 24 नवंबर तय की है।
अतिरिक्त सिविल जज प्रीती परेवा ने यह कहते हुए अंतरिम राहत देने से इन्कार किया कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहा कि उसकी भावना आहत हुई है।
अदालत ने कहा कि कानून के अनुसार प्रकाशन व बिक्री पर रोक लगाने की मांग से पहले सरकार या उपराज्यपाल कार्यालय को नोटिस जारी नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में पुस्तक के प्रकाशन व बिक्री पर रोक को लेकर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है।
विष्णु गुप्ता जो हिन्दू सेना के अध्यक्ष हैं, उनके द्वारा पुस्तक 'सनराइज ओवर अयोध्या' के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री पर रोक लगाने के लिए मांग की। उन्होंने आरोप लगाया है कि सलमान खुर्शीद की नई पुस्तक ना केवल हिन्दू भावनाओं को भड़का रही हैं बल्कि हिन्दू धर्म के लोगों की धार्मिक भावना को भी ठेस पहुंचा रही है।
विष्णु गुप्ता ने इस किताब के चैप्टर 60 के पेज नंबर 113 का जिक्र किया, जिसमें बताया कि सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन आइएस (आईएसआई) से की है। जिसके तहत 18 नवंबर यानि आज के दिन अतिरिक्त दीवानी न्यायाधीश प्रीति परेवा ने मुकदमे की सुनवाई की तारीख तय की।
बता दें कि इससे पहले सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कहा कि अपनी किताब के बारे में कहा था कि उन्होंने यह किताब हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए लिखी थी। बताया कि, 'जो कोई भी राजनीति करना चाहेगा, करेगा और जो कोई किताब लिखना चाहेगा लिखेगा। मेरी पुस्तक हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने और लोगों को यह समझाने के लिए है कि सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या पर फैसला एक अच्छा फैसला था।'