दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक से आईनॉक्स मामले में तिहाड़ में बंद पी. चिदंबरम के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के स्वास्थ्य पर जानकारी देने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि चिदंबरम मेडिकल बोर्ड में हैदराबाद के चिकित्सक नागेश्वर रेड्डी को चाहते हैं, इसलिए उन्हें भी इसमें शामिल किया जाए।
क्रोहन से पीड़ित हैं चिदंबरम
पी. चिदंबरम को आंतों से जुड़ी बीमारी क्रोहन है। इसमें आंतों में सूजन आ जाती है, पेट में लगातार दर्द बना रहता है और दस्त लग जाते हैं। इस वजह से मरीज का वजन कम हो जाता है। कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर तक चिदंबरम के स्वास्थ्य की रिपोर्ट जमा कराने के निर्देश दिए हैं। चिदंबरम ने कोर्ट से मनीलॉड्रिंग मामले में तिहाड़ में हैं, उन्होंने चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की है।
एम्स के इलाज से नहीं हुआ सुधार
इस बीच चिदंबरम ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी), हैदराबाद में अपने डॉक्टर से जांच और ईलाज कराने के लिए छह दिन की अंतरिम राहत मांगी थी। उनके वकील का कहना है कि चिदंबरम को 5 अक्टूबर से लगातार पेट में तेज दर्द हो रहा है और उन्हें इलाज की तत्काल जरूरत है। चिदंबरम को 2017 में क्रोहन रोग होने का पता चला था। पेट दर्द की शिकायत के बाद 7 अक्टूबर को एम्स में उनकी जांच कर दवाएं दी गई थीं। याचिका में कहा गया है 22 अक्टूबर को उन्हें फिर से दर्द हुआ और नई दवाएं दी गईं। लेकिन उन्हें दर्द से राहत नहीं मिल रही है। चूंकि एम्स के इलाज से उनकी सेहत में सुधार नहीं आ रहा इसलिए उन्हें अपने नियमित डॉक्टर से इलाज कराने की अनुमति दी जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनकी सेहत लगातार गिर रही है और उन्हें साफ-सुथरे माहौल में रहने की जरूरत है।