दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट के बहाने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बड़े लोन डिफॉल्टर्स केंद्र सरकार के चहेते हैं।‘
सिसोदिया ने कहा, 90 के दशक से ही कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। नीरव मोदी का नाम लिए बेगैर सिसोदिया ने कहा कि बड़े लोन डिफॉल्टर्स केंद्र सरकार के चहेते रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने विश्व असमानता रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि देश में दस फीसदी लोगों के पास 56 फीसदी पैसा है। हालात यह है कि देश की आर्थिक असमानता की दर रूस से भी नीचे हो गई है। उन्होंने कहा देश की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था से क्या लाभ है। जब शिक्षा और स्वास्थ्य काम ही नहीं हो रहा है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा, देश की मौजूदा केंद्र सरकार विकास की बात करती है। ऐेसे में जब देश में पांच साल से कम उम्र के एक तिहाई बच्चे कुपोषित है। उन्होंने विकास पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये कैसा विकास है। सिसोदिया ने कहा कि देश में करीब करीब हर क्षेत्र में मानव संसाधन की भारी कमी है। उन्होंने स्मार्ट सिटी का जिक्र करते हुए कहा, हम दावा करते हैं कि हम विकास का दावा करते हैं। लेकिन 10 सबसे प्रदूषित शहरों में नौ शहर भारत के हैं। शिक्षित राष्ट्र स्वास्थ्य राष्ट्र ये हमारा जुमला नहीं बन सका है।