केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में शनिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कार्यालय में छापेमारी की। सिसोदिया ने ट्विटर पर दावा किया कि एजेंसी को पिछली छापेमारी के दौरान उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला था और इस बार भी ऐसा ही होगा क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की टीम सिसोदिया के दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय में छापेमारी कर रही थी। सिसोदिया ने कहा, "सीबीआई आज फिर मेरे कार्यालय पहुंची है। उनका स्वागत है। उन्होंने मेरे घर पर छापेमारी की, लॉकर की तलाशी ली, मेरे गांव में मेरे खिलाफ पूछताछ की। तब कुछ भी नहीं मिला और अब भी कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।" दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए ईमानदारी से काम किया है।"
कथित आबकारी घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश पिछले साल दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने की थी। एजेंसी ने सिसोदिया समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई ने सिसोदिया से उनके आधिकारिक आवास पर छापे मारने के अलावा कई घंटों तक मामले के सिलसिले में पूछताछ भी की थी।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित घोटाले की जांच कर रहे हैं। सिसोदिया कई आरोपियों में शामिल हैं। सिसोदिया के ऑफिस और आवास पर पहले भी सीबीआई शराब घोटाले को लेकर छापेमारी कर चुकी है। इस दौरान उनके लॉकर भी तलाशे गए थे। सीबीआई ने आबकारी नीति घोटाले को लेकर हाल ही में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
यह मामला दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश से उपजा है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया ने फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों में कथित तौर पर उनकी आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा इस्तेमाल किए गए "किकबैक" और "कमीशन" के बदले शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान किया।