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रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा ईडी, 25 नवंबर को होगी सुनवाई

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कराने...
रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा ईडी,  25 नवंबर को होगी सुनवाई

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने मामले को 25 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।

जस्टिस चंदर शेखर ईडी की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं और अंतिम दलीलें 25 नवंबर को सुनी जाएंगी। सितंबर में ईडी के वकील डीपी सिंह की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 5 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी। डीपी सिंह ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने कुछ तथ्यों पर विचार नहीं किया और जांच एजेंसी की ओर से उनकी हिरासत की मांग करते हुए वाड्रा को "निष्कासित और असहयोगी" करार दिया। वाड्रा के वकील ने अपने मुवक्किल पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वाड्रा जांच प्रक्रिया स्वेच्छा से शामिल हुए हैं।

डीपी सिंह ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने कुछ तथ्यों पर विचार नहीं किया और जांच एजेंसी की ओर से उनकी हिरासत की मांग करते हुए वाड्रा को "निष्कासित और असहयोगी" करार दिया। ईडी की ओर से वकील सिंह ने कस्टडी की मांग की। वहीं वाड्रा के वकील ने अपने मुवक्किल पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वाड्रा जांच प्रक्रिया स्वेच्छा से शामिल हुए हैं।

ट्रायल कोर्ट ने दी थी अग्रिम जमानत

दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा और उनके करीबी मनोज अरोड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग केस में अग्रिम जमानत दी गई थी। पहली अप्रैल को, ट्रायल कोर्ट ने वाड्रा और अरोड़ा को अग्रिम जमानत दी थी।

ईडी की याचिका के जवाब में वाड्रा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि जांच एजेंसी के पास उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं  है।

आरोपों को किया खारिज

भाग जाने के जोखिम के आरोपों के जवाब में, वाड्रा ने कहा था कि वह मीडिया रिपोर्टों को पढ़ने के बाद स्वेच्छा से विदेश से भारत लौटे थे कि ईडी उनकी जांच कर रहा था जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि उनका देश से भागने का कोई इरादा नहीं था और भारत में रहेंगे। उनका नाम क्लीयर किया जाए। वाड्रा ने आरोप लगाया कि एजेंसी का एकमात्र मकसद अदालत और जनता को उनके खिलाफ करना है।  

इससे पहले, ईडी  ने दिल्ली हाई कोर्ट  को कहा था,  "प्रतिवादी (वाड्रा) के मामले में सबूतों और प्रभावित गवाहों के साथ छेड़छाड़ करने की संभावना है। प्रतिवादी अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति है। यदि उसे जमानत दी जाती है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि प्रतिवादी सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा।" यह मामला लंदन में कथित रूप से 1.9 मिलियन पाउंड की संपत्ति खरीदने का मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।

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