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अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने डब्ल्यूएफआई से मांगा जवाब

डब्ल्यूएफआई तदर्थ पैनल द्वारा एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश...
अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने डब्ल्यूएफआई से मांगा जवाब

डब्ल्यूएफआई तदर्थ पैनल द्वारा एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगट को दी गई छूट पर पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल द्वारा आवाज़ उठाने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है। अब इस मामले में डब्ल्यूएफआई से जवाब तलब किया गया है।

 

दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से जवाब मांगा है। बता दें कि अदालत ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए कल, यानी 21 जुलाई की तारीख तय की और डब्ल्यूएफआई को आज ही हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

 

 

गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति द्वारा ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश दिए जाने पर पहलवान अंतिम पंघाल ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि पिछले एक साल में विनेश फोगाट ने कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

 

बता दें कि तदार्थ समिति द्वारा यह निर्णय हालांकि राष्ट्रीय मुख्य कोच की सहमति के बिना लिया गया है। पहलवान अंतिम पंघाल ने कहा, "विनेश (फोगाट) को सीधे प्रवेश मिल गया। पिछले एक साल में उनके नाम कोई उपलब्धि नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सीधे प्रवेश दिया जा रहा है। मैंने 2022 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।"

 

पहलवान ने कहा था, "उन्होंने (विनेश) एक साल से कोई प्रैक्टिस नहीं की है। कॉमनवेल्थ खेलों के ट्रायल्स में भी, उनके साथ मेरी 3-3 की बाउट हुई। फिर भी, मुझे धोखा दिया गया। इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए। जो एशियन खेलों में जाएगा, उसे विश्व चैंपियनशिप में भी भेज देंगे, फिर वही ओलंपिक में जाएगा। मेरे माता पिता ने इतना त्याग किया है, ऐसा थोड़े ही होता है। क्या मुझे कुश्ती छोड़ देनी चाहिए?"

 

आपको बता दें कि ग्रीको-रोमन और महिलाओं के फ्रीस्टाइल ट्रायल 22 जुलाई को होने हैं और पुरुषों के फ्रीस्टाइल ट्रायल 23 जुलाई को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होंगे। बजरंग की बात करें तो वह, 65 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करते हैं। वह डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों में से एक हैं। वह इस समय किर्गिस्तान के इस्सिक-कुल में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

 

इधर, जकार्ता एशियाई खेलों (2018) में स्वर्ण पदक जीतने वाली 53 किग्रा पहलवान विनेश हंगरी के बुडापेस्ट में प्रशिक्षण ले रही हैं। कुश्ती से जुड़े सूत्र के मुताबिक कल बताया गया था कि बजरंग और विनेश को छूट देने का कदम उनके साथी प्रतिस्पर्धियों को पसंद नहीं आया। इन पहलवानों ने अदालत का दरवाजा खटखटाने की चुनौती दी थी।

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