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भारत-पाकिस्तान एशिया कप मुकाबले को लेकर आक्रोश, बीसीसीआई पर 'राष्ट्रविरोधी' निर्णय लेने का आरोप

एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने 27...
भारत-पाकिस्तान एशिया कप मुकाबले को लेकर आक्रोश, बीसीसीआई पर 'राष्ट्रविरोधी' निर्णय लेने का आरोप

एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने 27 जुलाई 2025 को पुष्टि की कि एशिया कप 2025, 9 सितंबर से 28 सितंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित होगा। भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में रखा गया है, और दोनों टीमें 14 सितंबर को हाई-वोल्टेज मुकाबले में आमने-सामने हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप टूर्नामेंट में तीन बार भिड़ंत की संभावना है। इस घोषणा ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाईं, जहां प्रशंसकों ने बीसीसीआई पर "राष्ट्रविरोधी" निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए एशिया कप के बहिष्कार की मांग की।

यह प्रतिक्रिया अप्रैल 2022 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े द्विपक्षीय तनाव के कारण थी, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसने तनाव को और गहरा कर दिया। बीसीसीआई ने शुरू में एशिया कप में भारत की भागीदारी को निलंबित कर दिया था, जिससे टूर्नामेंट रद्द होने की कगार पर पहुंच गया था।

नकवी ने घोषणा की कि एशिया कप टी20 प्रारूप में खेला जाएगा, जो 2026 टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए होगा। टूर्नामेंट में पहली बार आठ टीमें हिस्सा लेंगी। नकवी ने कहा, "यूएई में एसीसी मेन्स टी20 एशिया कप की मेजबानी से एशिया भर के प्रशंसकों को एक साथ आने का मौका मिलेगा, जो हमारी क्षेत्र की अविश्वसनीय विविधता को दर्शाता है।"

हालांकि, इस घोषणा ने प्रशंसकों के बीच भारी असंतोष पैदा किया। सोशल मीडिया पर #BoycottAsiaCup ट्रेंड करने लगा, जिसमें कई यूजर्स ने बीसीसीआई पर व्यावसायिक हितों को राष्ट्रीय भावनाओं से ऊपर रखने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा, "पाकिस्तान ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया... फिर भी बीसीसीआई का पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का फैसला शर्मनाक है।" एक अन्य ने कहा, "करगिल विजय दिवस पर बीसीसीआई ने भारत-पाकिस्तान मैच की घोषणा की, यह शर्मनाक है।"

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी बीसीसीआई के फैसले पर नाराजगी जताई, इसे दोहरे मापदंड का उदाहरण बताते हुए कहा कि भारत ने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल) में पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा, "अगर आप द्विपक्षीय मैच नहीं खेल रहे हैं, तो अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भी नहीं खेलना चाहिए।"

इसके विपरीत, पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने बीसीसीआई की आलोचना करते हुए कहा कि अगर एशिया कप में पाकिस्तान के साथ खेलना ठीक है, तो डब्ल्यूसीएल में भी खेलना चाहिए था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "पाकिस्तान के साथ क्रिकेट ठीक है, तो डब्ल्यूसीएल में भी ठीक होना चाहिए था। देशभक्ति का इस्तेमाल सुविधानुसार न करें।"

विवाद तब और बढ़ गया जब यह सामने आया कि बीसीसीआई ने पहले ढाका में होने वाली एसीसी की बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी थी, क्योंकि यह मोहसिन नकवी द्वारा आयोजित थी, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं। बीसीसीआई ने बैठक के स्थान को बदलने की मांग की थी, लेकिन अंततः भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद टूर्नामेंट में भाग लेने का फैसला किया।

यह विवाद भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों में लंबे समय से चली आ रही जटिलताओं को उजागर करता है। दोनों देशों ने 2012-13 के बाद से कोई द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली है, लेकिन आईसीसी और एसीसी आयोजनों में नियमित रूप से भिड़ते रहे हैं। हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भी भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सभी भारतीय मैच दुबई में आयोजित किए गए थे।

प्रशंसकों और विश्लेषकों का एक वर्ग मानता है कि क्रिकेट को राजनीति से अलग रखना चाहिए, लेकिन पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव ने इस तर्क को कमजोर कर दिया है। जैसे-जैसे 14 सितंबर का मैच नजदीक आ रहा है, बीसीसीआई पर भारत सरकार के निर्देशों के आधार पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ रहा है।

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