देश और दुनिया में कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता रहा है। इसके साथ देश की राजधानी दिल्ली में भी संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। देश में जहां संक्रमित लोगों की संख्या 1071 हो गई है और 29 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दिल्ली में भी 72 मामले सामने आ गए हैं। इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को कहा कि लॉकडाउन का पालन नहीं होने पर डीएम या डीसीपी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपराज्यपाल ने सभी डीएम और डीसीपी को कहा कि अगर किसी को भी लॉकडाउन के दौरान बिना ई-पास या बिना वैध कारण के घूमते हुए पाया जाए तो उसे प्रशासन द्वारा स्थापित शेल्टर होम्स में भेजा जाए। यह निर्देश एक उच्च-स्तरीय बैठक में जारी किए गए। बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सभी डीएम और डीसीपी भी थे।
चूक में नपे अफसर
इससे पहले केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए किए गए बंद के दौरान कर्तव्य के निर्वहन में ‘‘गंभीर चूक’’ के कारण दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया और दो अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए। दिल्ली सरकार के जिन दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, वे अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) रेणु शर्मा और प्रधान सचिव (वित्त) राजीव वर्मा हैं। जिन दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, वे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्य गोपाल और एसडीएम सीलमपुर अजय अरोड़ा हैं।
एकत्र हुए थे प्रवासी मजदूर
पिछले दिनों दिल्ली में आनंद विहार बस अड्डे पर भारी भीड़ जमा हुई थी। सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव यातायात दिल्ली सरकार ने अपने कर्तव्य में लापरवाही बरती इसके साथ ही इन अधिकारियों ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लगातार उमड़ रही भीड़ की तरफ भी कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार ने इसके लिए अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया है। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से लॉक डाउन के आदेश जारी किए गए हैं जबकि भीड़ जमा होना इसका उल्लंघन है। सूत्रोंका कहना है कि जिन दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं यदि उनके जवाब से गृह मंत्रालय संतुष्ट नहीं होता है तो उन्हें भी निलंबित किया जा सकता है इन चारों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने को भी कहा गया है।