सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में शराब कंपनी ‘पेरनोड रिकार्ड’ के कार्यकारी बेनॉय बाबू को शुक्रवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि आरोपी 13 महीने से अधिक समय से हिरासत में है और मामले में उसके खिलाफ मुकदमा अभी भी शुरू नहीं हुआ है। पीठ ने यह भी कहा कि मामले की सीबीआई और ईडी की जांच में बाबू के संबंध में विरोधाभास हैं।
पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से कहा, “आप सुनवाई से पहले लोगों को लंबे समय तक सलाखों के पीछे नहीं रख सकते। यह उचित नहीं है। हम अभी भी नहीं जानते कि यह कैसे आगे जाएगा। इस मामले में सीबीआई और ईडी के आरोपों में विरोधाभास है।”
शुरुआत में, बाबू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ईडी जिस मामले की जांच कर रही है वह उनके मुवक्किल के खिलाफ पूरी तरह से 'फर्जी मामला' है।
वरिष्ठ वकील ने कहा, “ईडी के मामले के अनुसार, बाबू ने 27 मार्च, 2021 को विजय नायर (आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी और दिल्ली आबकारी नीति मामले में आरोपी) से मुलाकात की, लेकिन मसौदा आबकारी नीति की घोषणा 22 मार्च, 2021 को पहले ही कर दी गई थी।”