जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद पर सोमवार सुबह किसी अज्ञात शख्स ने जानलेवा हमला कर दिया था। आज दिल्ली पुलिस ने ये मामला स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर दिया है।
इससे पहले संदिग्ध हमलावर की तस्वीर दिल्ली के विठ्ठलभाई पटेल रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस संदिग्ध की तलाश में जुट गई है।
हत्या के प्रयास का मामला दर्ज, तीन हिरासत में
जेएनयू छात्र उमर खालिद पर हमला करने के मामले में पुलिस ने संसद मार्ग थाने में हत्या के प्रयास के अलावा आर्म्स एक्ट में केस दर्ज किया है। पुलिस की मानें तो मामले में अहम सुराग हाथ लगे हैं, इसके आधार पर तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं आरोपी जो पिस्टल फेंककर फरार हुआ है वह 7.65 बोर की है। सूत्रों का कहना है कि गोली पिस्टल में फंसी हुई है। विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है कि गोली चली थी या नहीं।
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केस की गंभीरता को देखते हुए जिले के तीनों डीसीपी अलावा 4 एसीपी और 12 इंस्पेक्टर को जांच में लगाया गया है। करीब 60 पुलिसकर्मियों की टीम गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई है।
पुलिस ने मौके से कुछ फुटेज प्राप्त कर ली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में अहम सुराग हाथ लगे हैं। लेकिन हमला करवाने के पीछे कौन शामिल हैं, पुलिस ने फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया है।
अभी यह पूरी तरह साफ नहीं है कि हमले में एक शख्स था या ज्यादा लोग शामिल थे। हालांकि शुरुआती जांच में पुलिस मानकर चल रही है कि हमला करने वाला एक ही व्यक्ति था। उमर के कुछ साथियों ने दावा किया है कि हमलावर के साथ दो अन्य लोग भी मौजूद थे।
हमला करने वाले उमर को घूंसा मारकर गिरा दिया। बाद में उस पर गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन विरोध करने पर आरोपी भागने लगा। भागते समय बदमाश ने गोली चलाई।
घटना के बाद से डरे हुए हैं दुकानदार
क्लब के पास चाय वाले ने बताया कि वह 20 सालों से यहां काम कर रहा है, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। उसने पहली बार हंगामा और गोलियां चलने की आवाज सुनी। वहीं कुछ दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने केवल शोरशराबे की आवाज सुनी थी। कुछ दुकानदारों का दावा था कि गोली तो आरोपी ने चलाई थी, लेकिन गोली पिस्टल में ही फंसकर रह गई।
समर्थक छात्रों ने थाने के बाहर की नारेबाजी
हमले से नाराज उमर के समर्थक छात्रों ने संसद मार्ग थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। यह लोग थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। हालात को देखते हुए मौके पर पुलिस बल को बुला लिया। हालांकि कोई हंगामा नहीं हुआ, लेकिन छात्र काफी देर तक नारेबाजी करते रहे। अधिकारियों ने गिरफ्तारी का आश्वासन देकर छात्रों को शांत कराया।