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ईपीसीए ने कहा, पराली जलाने के खिलाफ तत्काल सख्त कदम उठायें पंजाब-हरियाणा

सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु...
ईपीसीए ने कहा, पराली जलाने के खिलाफ तत्काल सख्त कदम उठायें पंजाब-हरियाणा

सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आपात स्थिति में पहुंच जाने पर शुक्रवार को क्रियान्वयन एजेंसियों को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल सख्त कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है। इससे पहले हालात को देखते हुए ईपीसीए ने शुक्रवार को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए 5 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी और साथ ही दिल्ली सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला लिया है।

ईपीसीए प्रमुख भूरेलाल ने हरियाणा और पंजाब को लिखे पत्र में क्रियान्वयन एजेंसियों को दोनों राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है। पंजाब और केंद्रीय प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पराली जलाने की घटनाएं 27 अक्टूबर के 12,027 से बढ़कर 30 अक्टूबर को 19,869 हो गई। इसी तह हरियाणा में पराली जलाने के मामले 27 अक्टूबर के 3,735 से बढ़कर 30 अक्टूबर को 4,211 हो गए।

हरियाणा-पंजाब 46 फीसदी जिम्मेदार

केंद्र सरकार की एजेंसी सफर के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के वायु प्रदूषण में हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत रही। यह अब तक सबसे ज्यादा है। गुरुवार को दोनों राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली के प्रदूषण में 27 फीसदी हिस्सेदारी रही तो बुधवार को यह हिस्सेदारी 35 प्रतिशत थी।

पराली मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

वहीं, ईपीसीए द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर दाखिल की गई स्पेशल रिपोर्ट और पराली जलाने जैसे अन्य मुद्दों को लेकर 4 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में अपनी 'स्पेशल रिपोर्ट ऑन पलूशन हॉटस्पॉट्स' में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाली 14 जगहों की पहचान की है। इनमें ओखला फेज-2, द्वारका, अशोक विहार, बवाना, नरेला, मुंडका, पंजाबी बाग, वजीरपुर, रोहिणी, विवेक विहार, आनंद विहार (मंडोली समेत), आरके पुरम, जहांगीर पुरी और मायापुरी के अलावा हरियाणा में तीन, यूपी से साहिबाबाद और राजस्थान के भिवाड़ी को चिन्हित किया है।

हेल्थ इमरजेंसी घोषित, स्कूल बंद

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित करते हुए निर्माण गतिविधियों पर 5 नवंबर तक के लिए रोक लगा दी। साथ ही  सर्दियों के मौसम में पटाखे जलाने पर भी पाबंदी लगा दी। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में भूरेलाल ने कहा, 'दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता बीती रात और खराब हो गई और अब वह अत्यधिक गंभीर स्तर पर है। हमें इसे जनस्वास्थ्य के लिए आपात स्थिति के तौर पर लेना है क्योंकि इसका सभी पर, खासकर बच्चों पर गंभीर प्रभाव पड़ेंगे। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने भी 5 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है।

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