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दिल्ली के स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्तर पर अपग्रेड करने के लिए अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने से दी छूट

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के एक आदेश के अनुसार, प्राथमिक या मिडिल स्कूलों को डीडीए को कोई...
दिल्ली के स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्तर पर अपग्रेड करने के लिए अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने से दी छूट

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के एक आदेश के अनुसार, प्राथमिक या मिडिल स्कूलों को डीडीए को कोई अतिरिक्त शुल्क दिए बिना सीनियर सेकेंडरी संस्थानों में अपग्रेड किया जा सकता है। हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद आए एलजी के आदेश से ऐसी सोसाइटियों या स्कूलों को अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) शुल्क का भुगतान करने से छूट मिलेगी, शनिवार को एक बयान में कहा गया।

इससे उन्हें "लालफीताशाही और शिक्षा विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के चक्कर लगाने की परेशानी" से मुक्ति मिलेगी। एलजी ने यह भी निर्देश दिया है कि डीडीए इस आशय के लिए सोसाइटियों के साथ अपने लीज डीड को संशोधित करे। तदनुसार, डीडीए ने प्राथमिक या मिडिल स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में बदलने या अपग्रेड करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है।

एसओपी के अनुसार, ऐसे स्कूल ऐसे अपग्रेड के लिए अतिरिक्त एफएआर का लाभ उठा सकेंगे, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा, इसमें कहा गया है। बयान में कहा गया है कि सोसायटियों और स्कूलों को अब अतिरिक्त एफएआर का लाभ उठाने के लिए डीडीए से एनओसी के लिए आवेदन करना होगा, साथ ही अपग्रेड के लिए शिक्षा विभाग की अनुमति, बोर्डों (सीबीएसई, आईसीएसई, आदि) से संबद्धता का प्रमाण पत्र और आयकर छूट का प्रमाण पत्र भी देना होगा।

इसके बाद डीडीए यह पता लगाएगा कि आवेदक पर जमीन के किराए आदि के लिए कोई बकाया तो नहीं है और उसने कोई अतिरिक्त क्षेत्र तो नहीं ले रखा है और बिना किसी अतिरिक्त एफएआर शुल्क के एनओसी प्रदान करेगा। इसमें कहा गया है कि सोसायटियों या स्कूलों के अपग्रेड को यूनिफाइड बिल्डिंग बाय-लॉज (यूबीबीएल) मानदंडों के अनुरूप होना होगा और कानून के अनुसार संबंधित प्राधिकरण से इसकी ले-आउट योजना को मंजूरी लेनी होगी।

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