दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए अमेरिकी के अरबपति जॉर्ज सोरोस ने मोदी पर निशाना साधा है। सोरोस ने कहा कि भारत राष्ट्रवाद के उदय का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है, जो आज के समाज का एक बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मोदी सरकार विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध झेल रही है।
कश्मीर और सीएए पर भी की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में दंडनीय कदम उठा रहे हैं क्योंकि वहां अधिकांश मुसलमान बसते हैं। साथ ही सरकार के फैसलों जैसे कि सीएए से वहां रहने वाले लाखों मुसलमानों पर नागरिकता जाने संकट भी पैदा हो गया है। सोरोस ने कहा, ‘भारत में सबसे बड़ा और भयावह झटका लगा, जहां लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक हिंदू राष्ट्रवादी राज्य बना रहे हैं, कश्मीर पर दंडात्मक उपाय कर रहे हैं, जो एक अर्ध-स्वायत्त मुस्लिम क्षेत्र है, और लाखों मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।’
ट्रंप और पुतिन को लिया आड़े हाथों
सोरोस ने यह भी कहा कि सिविल सोसाइटी में लगातार गिरावट आ रही है। मानवता कम होती जा रही है। आने वाले सालों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग्य से ही दुनिया की दिशा तय होगी। इस समय व्लादिमीर पुतिन, ट्रंप और शी जिनपिंग जैसे तानाशाह शासको का इजाफा हो रहा है। इस वक्त हम इतिहास के बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। खुले समाज की अवधारणा खतरे में है। इससे बड़ी एक और चुनौती है-जलवायु परिवर्तन।
7100 करोड़ रुपए का किया वादा
जॉर्ज सोरोस ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में अपने एक अहम प्रोजेक्ट पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अब मेरी जिंदगी का सबसे अहम प्रोजेक्ट ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क (ओएसयूएन) है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसमें दुनिया की सभी यूनिवर्सिटी के लोग शोध कर सकेंगे। ओएसयूएन के लिए मैं एक अरब डॉलर (करीब 7100 करोड़ रुपए) का निवेश करूंगा।