दिल्ली में बदलते मौसम के साथ वेक्टर जनित बीमारी डेंगू और मलेरिया तेजी से अपना पांव पसार रहे हैं। शहर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे मलेरिया और डेंगू को रोकने के दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) ने भी तैयारी तेज कर दी है। दिल्ली नगर निकाय के अधिकारियों ने मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने के लिए फॉगिंग और एंटी-लार्वा रसायनों के छिड़काव शुरू कर दिया है। एमसीडी के अधिकारियों न बताया कि मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए रामलीला मैदान और दशहरा मेला स्थलों पर भी विशेष फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है।
दिल्ली नगर निगम के के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमने अपने निरीक्षण तेज कर दिए हैं और घरेलू ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) और फील्ड स्टाफ को डोर-टू-डोर चेकिंग करने और एंटी-लार्वा दवाओं का छिड़काव करने के लिए तैनात कर दिया है। लगभग 11 लाख घरों में एंटी-लार्वा दवा का छिड़काव किया गया है, वहीं लगभग 1.3 लाख घरों मच्छरों के प्रजनन के लिए को सकारात्मक पाया गया।”
अधिकारी ने आगे बताया कि इस साल हमने मच्छरों को बढ़ावा देने वाली स्तिथि पैदा करने के लिए 96,189 कानूनी नोटिस जारी की किये हैं और 35000 हजार से अधिक चालान काटा है।
एमसीडी द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में डेंगू के मामलों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई और महीने के अंतिम सप्ताह में 400 से अधिक नए संक्रमण सामने आए। पिछले महीने 28 सितंबर तक डेंगू के कुल 693 मामले सामने आए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर में इस साल अब तक वेक्टर जनित बीमारी की संख्या 937 है। अधिकारियों ने कहा कि नगर निकाय ने लगभग 200 मच्छर पैदा करने वाले हॉटस्पॉट की पहचान की है और पूरे शहर में इन हॉटस्पॉट्स पर फॉगिंग अभियान तेज कर दिया है।
डेंगू और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच रिपोर्ट की जाती हैं।