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डीजीसीए: विदेश जाने वालों को करना होगा इंतजार, 31 जुलाई तक जारी रहेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध

अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगी पाबंदियों को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 31 जुलाई तक बढ़ा...
डीजीसीए: विदेश जाने वालों को करना होगा इंतजार, 31 जुलाई तक जारी रहेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध

अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगी पाबंदियों को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है। इनकी अवधि पहले जून में समाप्त हो रही थी। अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अभी सीमित संख्या में ही उड़ानें संचालित की जा रही हैं। वंदेभारत स्कीम के तहत काफी संख्या में उड़ानें हो रही हैं। हालांकि घरेलू स्तर पर उड़ानों की आवाजाही पर लगी ज्यादातर बंदिशें अभी समाप्त कर दी गई हैं। नागर विमानन महानिदेशालय ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि विदेशी उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जुलाई 2021 तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि माल ढुलाई कर रही विदेशी फ्लाइटों और डीजीसीए द्वारा मंजूर उड़ानों पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

बता दें कि देशभर में 23 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू होने के बाद से अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानें निलंबित हैं। लेकिन मई 2020 से विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें वंदे भारत मिशन के तहत उड़ रही हैं। विदेश में फंसे यात्रियों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया गया और कई देशों के साथ एयर बबल करार भी किया गया। वर्तमान में भारत में 24 देशों के साथ द्विपक्षीय एयर बबल समझौता किया हुआ है। 

गौरतलब है कि भारतीय विमानन उद्योग अभी भी पिछले साल में लगे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान से उबर रहा है। अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर ने देश को बड़ा झटका दिया, जिसके कारण पूरे देश में हवाई यातायात में गिरावट आई, खासकर तब जब दूसरे देशों द्वारा भारत की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया गया।

हाल ही में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा था कि सभी हवाई अड्डे के परिचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हवाई अड्डे पर और यात्रा के दौरान लोगों ने मास्क सही तरीके से पहना है या नहीं। साथ ही हवाई अड्डे के परिसर में सुरक्षित शारीरिक दूरी भी बनाए रखनी होगी। डीजीसीए ने एयरलाइंस को अचानक जांच करने का निर्देश भी दिया। अगर एयरलाइंस विमान के अंदर नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं करा पाती हैं, तो उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति बार-बार चेतावनी के बावजूद नहीं मानता है तो उसके साथ 'अनियंत्रित यात्री' जैसा व्यवहार किया जाएगा।

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