विपक्ष की तरफ से कड़ी टक्कर मिलने से भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी अल्पसंख्यक वर्ग के वोटों की जरूरत महसूस हो रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इकाई मुस्लिम राष्ट्रीय मंच पार्टी की मदद के लिए आगे आई है। मंच के महिला प्रकोष्ठ ने हरिद्वार के अहबाब नगर ज्वालापुर में महिलाओं के साथ बैठक की। यह इस लिहाज से अहम है कि हरिद्वार की 14 में से 10 सीटों पर दलित और मुस्लिम प्रभावी भूमिका में हैं। इसके अलावा नैनीताल-उधमसिंह नगर की नौ सीटों पर भी मुस्लिम-दलित महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेश की 70 में से 55 सीटें सामान्य और 15 सुरक्षित हैं।
मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि जब कांग्रेस को ही उनके नेतृत्व पर भरोसा नहीं तो जनता को कांग्रेस पर क्या भरोसा होगा? आए दिन कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ छोड़ के बीजेपी ज्वाइन करते रहे हैं। बीजेपी सरकार ने अच्छा काम किया है और इसका असर भी दिख रहा है। लोग सरकार से बहुत ही सन्तुष्ट और खुश हैं। सरकार ने उत्तराखंड को एक और एम्स दिया है। राज्य में गर्भवती स्त्रियों के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्धर करवाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है और जल्द ही उनको इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा उत्तराखंड में 2900 पदों पर नर्सों की भर्ती की गई है।
सईद ने बताया कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था के साथ दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क टैबलेट उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उनके बैंक खाते में 12 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। गांवों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए जिला सहकारी बैंक भी स्थापित किये गए हैं। डिग्री कॉलेज और आईटीआई भी बनवाए गए हैं।
बैठक की अध्यक्षता उत्तराखंड सरकार के अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सीमा जावेद, फातिमा देवी और मंच के महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजक शालिनी अली ने की। सीमा जावेद ने कहा कि सरकार का कार्यकाल बहुत अच्छा रहा है। जनता से किए वादे पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी मुस्लिम मतदाता अपने मत का प्रयोग अवश्य करें। मतदान हर देशवासी का एक समान अधिकार है।