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धर्मादेश: दिल्ली पहुंचे 3 हजार साधु-संत, राम मंदिर निर्माण से कम पर राजी नहीं

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक टल जाने के बावजूद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।...
धर्मादेश: दिल्ली पहुंचे 3 हजार साधु-संत, राम मंदिर निर्माण से कम पर राजी नहीं

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक टल जाने के बावजूद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दिल्ली में साधु-संत लगातार सरकार पर दबाव बनाने में जुटे हैं। वहीं, योगी सरकार अयोध्या में सरयू के किनारे भगवान राम की तांबे की प्रतिमा बनाने जा रही है, लेकिन साधु-संत राम मंदिर निर्माण से कम पर राजी नहीं हैं।

तालकटोरा स्टेडियम में धर्मादेश

राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर से 3 हजार साधु-संत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में जमा हुए हैं। इसे ‘धर्मादेश’ कहा जा रहा है। धर्मादेश में देश भर से आए साधु महात्मा राम मंदिर निर्माण पर चर्चा करेंगे। धर्मादेश के पहले दिन अलग-अलग दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। साधु-संत चर्च और मस्जिदों द्वारा दिए जा रहे फतवा पर भी चर्चा करेंगे।

दिल्ली में चलने वाली दो दिनों की बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर मंथन किया जाएगा। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई को लेकर भी चर्चा करेंगे। धर्मादेश में साधु-संत राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर आदेश लाने के लिए मांग करेंगे।

5 अक्टूबर को राष्ट्रपति से मिला था संतों का प्रतिनिधिमंडल

राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई टाले जाने से पहले साधु-संत लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। नवंबर में 'धर्मादेश' की तैयारी काफी पहले से चल रही थी। इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली में संतों की उच्चाधिकार समिति की हुई बैठक में संतों ने आगाह करते हुए कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं होता है तो सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) चुनाव हार सकती है।

5 अक्टूबर को महंत नृत्य गोपाल दास के नेतृत्व में संतों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिला। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया, 'महामहिम अपनी सरकार को कहें कि वह अब कानून बनाकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करे। आज की परिस्थिति में यही समाधान उपयुक्त लगता है।' राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी दिल्ली में साधु संतों के साथ बैठक की थी।

फिर तेज हुई बयानबाजी

राम मंदिर को लेकर बयानबाजी भी तेज हुई है। योगी आदित्यनाथ भी लगातार कह रहे हैं, ‘न्याय में देरी अन्याय के समान है।‘ अगले साल ही उत्तर प्रदेश में कुंभ मेला भी है। ऐसे में साधु-संत कुंभ मेले में भी राम मंदिर का मुद्दा उठाने की तैयारी में हैं। 

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज देश के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि अर्बन नक्सल में देश विरोधी ताकतें शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज उन्माद फैला रहे हैं, अयोध्या के मामले में जब वह कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए यह भी साफ हो जाएगा कि कौन राम मंदिर के पक्ष में है और कौन विरोध में। इससे किसी दल पर यह आरोप नहीं लगेगा कि वह मंदिर के लिए कानून लेकर आई।

दिसंबर से शुरू होगा राम मंदिर निर्माण: वेदांती

उधर, बीजेपी के पूर्व सांसद और रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने कह दिया है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य दिसंबर से शुरू हो होगा। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिना किसी अध्यादेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। वेदांती ने कहा कि आपसी सहमति से राम मंदिर अयोध्या में और मस्जिद का निर्माण लखनऊ में कराया जाएगा।

कोर्ट से निर्णय में देर हुई तो संसद में आएगा बिल: रामदेव

राम मंदिर के मसले पर बोलते हुए रामदेव ने कहा, 'यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा, आना ही चाहिए। रामजन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? संतों/राम भक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं। मुझे लगता है कि इस वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई टलने के बाद इस मसले पर राजनीति तेज हो गई है। संघ प्रमुख ने पिछले दिनों मोदी सरकार को राम मंदिर पर अध्यादेश पर भी विचार करने को कहा था।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी हाल ही में कहा था, 'यह हकीकत है कि राम मंदिर को तोड़ा गया था। हर किसी को इस वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए। भगवान राम हमारी (हिंदू) आस्था के प्रतीक हैं। देश बिना किसी देरी के भव्य राम मंदिर का निर्माण देखना चाहता है। एक बार मंदिर बन गया तो आपसी विवाद (हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच) की बड़ी वजह हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।'

 

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