बंगाल के बैरकपुर से तृणमूल कांग्रेस सांसद दिनेश त्रिवेदी रेलवे की संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष हैं। केडी सिंह परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डययन मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति के चेयरमैन हैं। केडी सिंह के साथ पार्टी नेतृत्व पिछले कुछ दिनों से दूरी बनाकर चल रहा है। लोकसभा चुनाव के समय गुवाहाटी हवाई अड्डे पर केडी सिंह के बैग से नकदी की बरामदगी और इस साल विधानसभा चुनाव के दौरान बंगाल में नारद सीडी कांड में केडी सिंह का नाम आने के बाद से पार्टी नेतृत्व उनपर नाराज है और राज्यसभा में उन्हें दोबारा भेजने के दरवाजे ममता बनर्जी ने बंद कर रखे हैं।
इसी तरह दिनेश त्रिवेदी से पार्टी नेतृत्व केंद्र की यूपीए- दो सरकार के जमाने से नाराज चल रहा है। तब उन्होंने ममता बनर्जी की इच्छा के बगैर रेल मंत्री का पद छोड़ने से मना कर दिया था। तृणमूल कांग्रेस में उनकी मजबूत स्थिति के मद्देनजर उन्हें बैरकपुर से दोबारा लड़ाया गया, लेकिन पार्टी में नीतिगत मसलों पर उनकी भूमिका सीमित कर दी गई। इस बार के विधानसभा चुनाव में नारद सीडी कांड को लेकर दिनेश त्रिवेदी ने जिस तरह से चिन्हित नेताओं के खिलाफ मुंह खोलते हुए तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार की बात उठाई, उससे ममता बनर्जी नाराज हो गईं। तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने दागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की उनकी बात तो नहीं ही मानी, विधानसभा चुनाव के बाद दलीय बैठकों में उनके शामिल होने पर रोक लगा दी गई।
अगले एक महीने में विभिन्न संसदीय स्थाई समितियों का पुनर्गठन होना है। इन समितियों में पार्टी की ओर से प्रतिनिधि कौन होंगे, इस बाबत राज्यसभा के चेयरमैन और लोकसभा की स्पीकर की तरफ से चिट्ठियां भेजी गई हैं। दिनेश त्रिवेदी और केडी सिंह के अलावा भी कई और समितियों से तृणमूल कांग्रेस अपने प्रतिनिधियों को बदलना चाहती है। रक्षा मंत्रालय की स्थाई समिति में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि सांसद तापस पाल अन्य किसी समिति में जाना चाहते हैं। केडी सिंह की जगह स्थाई समिति में मुकुल राय को लाए जाने की तैयारी है। रेलवे की स्थाई समिति में दिनेश त्रिवेदी की जगह सुदीप बंद्योपाध्याय को लाया जाएगा। कल्याण बनर्जी को रक्षा मंत्रालय की स्थाई समिति में भेजा जा सकता है।