सुप्रीम कोर्ट ने डायरेक्ट कैश ट्रांसफर (डीसीटी) योजनाओं को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार के साथ कई राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा चुनाव आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार द्वारा किसानों के खाते में कैश ट्रांसफर योजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीधी नकदी स्कीम (डायरेक्ट कैश ट्रांसफर) पर केंद्र, राज्य, और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है। चुनौती देने वाली याचिका में कहा गया कि विधानसभा या लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने या चुनाव के 6 महीने पहले से इन योजनाओं पर रोक लगा देनी चाहिए।
चुनाव आयोग ने दिखाई थी हरी झंडी
वहीं, केंद्र सरकार की कैश ट्रांसफर योजना को चुनाव आयोग की तरफ से हरी झंडी दिखाई गई थी। चुनाव आयोग का कहना था कि जिन लाभार्थियों की पहचान आचार संहिता लागू होने से पहले की गई थी। सरकार उन लाभार्थियों के लिए योजनाएं जारी रख सकती है।
किसानों को दी गई चुनाव से पहले किस्त
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के जरिए 6 हजार रुपये सालाना देने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार के जरिए उसकी एक किस्त का ट्रांसफर भी चुनाव से पहले कर दिया गया था।
क्या है डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम
सीधी नकदी स्कीम के तहत सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा कर दी जाती है. यह गरीबी में कमी का उपाय है। जिसमें सरकारी सब्सिडी और अन्य लाभ सब्सिडी के रूप में नहीं बल्कि सीधे गरीबों को दिए जाते हैं।