Advertisement

कुणाल कामरा पर लगे बैन पर इंडिगो के पायलट ने कहा- बिना मेरी रिपोर्ट के हुई कार्रवाई

इंडिगो फ्लाइट में पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर कटाक्ष कर वीडियो बनाने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा पर चार...
कुणाल कामरा पर लगे बैन पर इंडिगो के पायलट ने कहा- बिना मेरी रिपोर्ट के हुई कार्रवाई

इंडिगो फ्लाइट में पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर कटाक्ष कर वीडियो बनाने वाले कॉमेडियन कुणाल कामरा पर चार एयरलाइंस बैन लगा चुकी हैं। अब इंडिगो फ्लाइट के पायलट की इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है। पायलट ने कंपनी को ईमेल भेजकर कहा है कि बिना मेरी रिपोर्ट के ये फैसला किया है। उन्होंने इंडिगो मैनेजमेंट से पूछा है कि कॉमेडियन पर बैन लगाने से पहले मुझसे सलाह क्यों नहीं ली गई।

कुणाल कामरा इंडिगो एयरलाइन्स की एक फ्लाइट 6ई-5317 से 28 जनवरी को मुंबई से लखनऊ जा रहे थे। उसी फ्लाइट में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी भी थे। कुणाल पर आरोप है कि उन्होंने अर्नब गोस्वामी के साथ बदतमीजी की थी।

सोशल मीडिया पोस्ट पर लिया फैसला

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ईमेल में पायलट ने लिखा है कि कुणाल कामरा पर केवल सोशल मीडिया पोस्टों के आधार पर कार्रवाई की गई है। मुझसे इस बारे में सलाह नहीं ली गई। इंडिगो को भेजे अपने ईमेल में पायलट ने कहा कि कुणाल कामरा का बर्ताव गलत था, लेकिन वो उपद्रवी पैसेंजर के लेवल 1 के लिए क्वालिफाई नहीं करते हैं। पायलट ने कहा कि फ्लाइट में इससे पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो कामरा के बर्ताव से ज्यादा गलत थीं, लेकिन उन्हें 'उपद्रवी' नहीं बताया गया।

छह महीने के लिए लगाई पाबंदी

इंडिगो ने कहा है, ''हमने पायलट के ईमेल का संज्ञान लिया हैऔर एक आंतरिक कमेटी ने इस पूरे घटनाक्रम की जाँच शुरू कर दी है।'' बता दें कि कामरा के बर्ताव के लिए जहां इंडिगो ने 6 महीने का बैन लगाया है, वहीं एयर इंडिया, गो एयर और स्पाइस जेट ने अगले नोटिस तक के लिए उन्हें सस्पेंड कर दिया है। कामरा पर ये कार्रवाई नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के उस ट्वीट के बाद हुई है, जिसमें उन्होंने बाकी एयरलाइंस से ऐसे बर्ताव के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था।

क्या कहता है नियम

एयरलाइन्स कंपनियों द्वारा कामरा की यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या उन पर की गई कार्रवाई नियमों के मुताबिक हुई है या नहीं? तो बता दें कि एयरलान्स कंपनियों द्वारा की गई कार्रवाई नियमों के मुताबिक नही है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 के डीजीसीए के नियम के अनुसार, अगर कोई यात्री फ्लाइट में दुर्व्यवहार करता है तो उसके खिलाफ विमान का जो चालक होता है उसकी शिकायत के आधार पर एक कमेटी बनाई जाती है, जो पूरे मामले की जांच करती है। कमेटी को 30 दिन के अंदर उस शिकायत पर फैसला लेना होता है। जब तक कमेटी कोई फैसला नहीं लेती उस अवधि तक एयर लाइन्स कंपनियां यात्री को 30 दिन तक के लिए उड़ान के लिए प्रतिबंधित कर सकती हैं। इससे ज्यादा समय के लिए वह प्रतिबंध नहीं लगा सकती। यह डीजीसीए का पैरा नंबर 6.3 नियम कहता है।

हालांकि इस बीच विमानन नियामक डीजीसीए के प्रमुख अनिल कुमार ने इसे लेकर बयान जारी कर बताया कि कॉमेडियन पर की गई कार्रवाई पूरी तरह से नियमों के अनुरुप है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अनिल कुमार ने अपने एक बयान में कहा, 'यह दोहराया जाता है कि एयर लाइनों की ओर से की गई कार्रवाई उदंड यात्रियों से निपटने के लिए नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) की धारा -3, श्रेणी एम, खंड छह के पूरी तरह अनुरुप है।'

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad