याचिका खारिज किए जाने से पहले ही आप के छह अयोग्य विधायकों ने हाईकोर्ट से अपनी अर्जी वापस ले ली। अब विधायक इस मामले में नए सिरे से कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
अयोग्य विधायकों की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि जब विधायकों ने कोर्ट में अर्जी लगाई उस समय चुनाव आयोग राष्ट्रपति के पास विधायकों को अयोग्य करार करने की सिफारिश भेज चुका था। रविवार को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी। जब कोर्ट अर्जी को खारिज करने लगा तब विधायकों ने अपनी अर्जी वापस ले ली।
मालूम हो कि लाभ के पद पर होने के कारण आम आदमी पार्टी के बीस विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया था। इस फैसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मुहर लगा दी थी। इससे आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई थी। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को सिफारिश की थी कि 13 मार्च 2015 और आठ सितंबर 2016 के बीच लाभ का पद रखने को लेकर बीस विधायक अयोग्य ठहराए जाने के हकदार हैं। इन आप विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था। राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग की सिफारिश को मानने के लिए बाध्य होते हैं।