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जम्मू-कश्मीर पर फैसले के बाद दिल्ली मेट्रो ने जारी किया रेड अलर्ट

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव गृहमंत्री शाह ने...
जम्मू-कश्मीर पर फैसले के बाद दिल्ली मेट्रो ने जारी किया रेड अलर्ट

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव गृहमंत्री शाह ने राज्यसभा में पेश किया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी पेश हुआ है। इसके बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली मेट्रो ने भी रेड अलर्ट जारी किया है।

डीएमआरसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गृह मंत्रालय के अलर्ट के बाद सभी लोगों की गहनता से जांच की जा रही है। इस वजह से यात्रियों को थोड़ी असुविधा हो सकती है और यात्रा में देरी हो सकती है।

दिल्ली मेट्रो के लिए हाई अलर्ट जारी करते हुए डीएमआरसी ने बताया कि ऐसा स्वतंत्रता दिवस और कश्मीर के हालिया घटनाक्रम की वजह से किया जा रहा है। डीएमआरसी ने बताया कि कुछ स्टेशन पर अतिरिक्त चेकिंग की जाएगी। अतिरिक्त सीआईएसएफ जवान, काउंटर टेरर रिऐक्शन टीम आदि की तैनाती की गई है ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो और आपतकालीन स्थिति से जल्दी से निपटा जा सके। बता दें कि मेट्रो के करीब 220 स्टेशनों से करीब 28 लाख यात्री रोजाना सफर करते है। इसमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव के स्टेशन शामिल हैं।

दूसरी तरफ करीब 8000 अर्धसैनिक बलों के जवानों को उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के अन्य हिस्सों से कश्मीर घाटी में एयरलिफ्ट किया जा रहा है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं। कश्मीर में धारा 144 लागू है।

हाल ही में जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ की 50 कंपनियां, बीएसएफ की 10 कंपनियां, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की गई थी।

बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प पेश किया। शाह ने कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया। अब जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा।

अमित शाह ने कहा कि यह कदम सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे को देखते हुए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोग लंबे समय से उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहे थे और यह निर्णय स्थानीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है। गौरतलब है कि 15 अगस्त के मद्देनजर इन दिनों सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है.

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