'मिशन शक्ति' को लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दे दी है। आयोग ने कहा है कि पीएम ने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है।
प्रधानमंत्री ने 27 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन कर अंतरिक्ष में एंटी-सैटेलाइट मिसाइल लॉन्च करने की जानकारी दी थी। इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य कई विपक्षी पार्टियों ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी।
लगाया था लुभाने का आरोप
विपक्षी पार्टियों का आरोप था कि पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन कर आचार संहिता का उल्लंघन किया है। उनका कहना था कि यह ऐलान डीआरडीओ के वैज्ञानिक भी कर सकते थे। इसके लिए पीएम मोदी को आने की जरूरत नहीं थी। पीएम मोदी ने इसे अपनी सरकार की उपलब्धि बताकर लोगों को लुभाने की कोशिश की है।
जांच के बाद आयोग ने लिया फैसला
शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग ने दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रसारण की फीड का स्रोत और अन्य जानकारियां मांगी थीं। जांच के बाद आयोग ने कहा कि पीएम मोदी के संबोधन से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है। चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रधानमंत्री का संबोधन लाइव नहीं था और उसकी फीड एएनआई द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। इसलिए आधिकारिक रूप से मास मीडिया के दुरुपयोग के नियम यहां लागू नहीं होते।
पीएम ने किया था संबोधित
पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत अब दुनिया के उस एलीट क्लब का हिस्सा बन गया, जहां पर अब अंतरिक्ष में बैठे दुश्मन को भी खत्म किया जा सकता है। भारत की ए-सैट मिसाइल ने लो अर्थ ऑर्बिट यानी लियो में स्थित एक सैटेलाइट को नष्ट किया।
11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये दस मार्च को आचार संहिता लागू हो गयी थी।