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पीएमएलए अथॉरिटी की मंजूरी के बाद ईडी लेगी एजेएल को आवंटित प्लॉट का कब्जा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से पंचकुला में आवंटित जमीन का कब्जा जल्द...
पीएमएलए अथॉरिटी की मंजूरी के बाद ईडी लेगी एजेएल को आवंटित प्लॉट का कब्जा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से पंचकुला में आवंटित जमीन का कब्जा जल्द लेगी। इसकी मंजूरी पीएमएलए अथॉरिटी ने दे दी है। इस जमीन की कीमत करीब 64.93 करोड़ रुपये है। हरियाणा सरकार ने एजेएल को यह जमीन 2005 में आवंटित की थी।

ईडी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत इसकी मंजूरी मिल गई है। पिछले साल एक दिसंबर को इस कानून (पीएमएलए) के तहत प्लॉट की कुर्की का आदेश जारी किया था। उसी दिन सीबीआई ने गलत तरीके से जमीन एजेएल को आबंटित करने को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किये थे। एजेएल पर कथित रूप से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है, जिनमें गांधी परिवार के सदस्य भी हैं।

ईडी ने एक बयान में कहा था कि एजेएल को फर्जी तौर-तरीकों से प्लॉट आवंटित किए जाने में आपराधिक कृत्य दिखा, इसलिए ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत प्लॉट को कुर्क कर लिया है।

किया है आपराधिक कृत्य

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग अथॉरिटी ने कहा कि प्रतिवादियों ने आपराधिक कृत्य किया है और इसलिए कुर्की आदेश की पुष्टि का आदेश दिया है। इस मंजूरी के साथ ईडी को प्लॉट का कब्जा हासिल करने और वहां किसी अनधिकृत प्रवेश को रोकने तथा संपत्ति पर किसी अन्य के द्वारा किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए चेतावनी संकेतक खड़ा करने का अधिकार मिल गया है।

सीबीआई द्वारा मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर एक दिसंबर को पंचकूला अदालत में दायर किए गए आरोपपत्र में हुड्डा के साथ ही कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का नाम भी लिया गया था। ईडी ने मामले में दोनों नेताओं से पूछताछ की है।

सस्ती दरों पर आवंटित की थी जमीन

ईडी के अनुसार प्लॉट की कीमत 64.93 करोड़ रुपये थी, जबकि हुड्डा ने यह केवल 69.39 लाख रुपये में आवंटित कर दी थी। सीबीआई ने आरोप लगाया कि पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित प्लॉट नंबर सी-17 के फिर से आवंटन करने से राजस्व को खासा नुकसान हुआ। मामला पंचकूला में एजेएल को हिन्दी अखबार नवजीवन के प्रकाशन के लिए 1982 में प्लॉट आवंटित किए जाने से जुड़ा है जिस पर 1992 तक कोई निर्माण नहीं हुआ। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने तब इसका कब्जा वापस ले लिया। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर 2016 में मामले में पीएमएलए के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।

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