देश के कई हिस्सों में दूसरे चरण के मतगणना के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई. इसमें छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और मणिपुर जैसे राज्य शामिल हैं. पश्चिम बंगाल को भी काफी संवेदनशील माना जा रहा है. इसको लेकर चुनाव आयोग भी सतर्क है. आयोग ने पश्चिम बंगाल के पांच जिलों के आठ लोकसभा क्षेत्रों में 13 मई को होने वाले चौथे चरण के मतदान के लिए केंद्रीय बलों की 578 कंपनी तैनात करेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी शुक्रवार को दी.
अधिकारी के अनुसार, पूर्व बर्धमान में 152 कंपनी, बीरभूम (130), आसनसोल-दुर्गापुर (88), कृष्णनगर (81), मुर्शिदाबाद (73) और राणाघाट (54) मिलेंगी. उन्होंने कहा कि 150 से अधिक त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) भी तैनात की जाएंगी. इस बीच, निर्वाचन आयोग ने दो पुलिस थानों, डायमंड हार्बर और आनंदपुर के प्रभारी अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया. अधिकारी ने बताया कि इन अधिकारियों को चुनाव संबंधी कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 18वीं लोकसभा के चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक 42 निर्वाचन क्षेत्रों में सात चरणों में होंगे. इस बार यह 44 दिनों में पूरा हो जाएगा, जबकि राज्य में पिछला लोकसभा चुनाव भी सात चरणों में हुआ था और 39 दिनों में पूरा हो गया था. हालांकि, सात चरणों के मतदान को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने निराशा व्यक्त की है और तर्क दिया कि इतने चरणों में मतदान होना केवल भाजपा के लिए फायदेमंद होगा.
पहले और दूसरे चरण के लिए वोट डाले जा चुके हैं. 7 मई को तीसरे चरण में मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा. 13 मई को चौथे चरण में मतदाता बहरामपुर, कृष्णानगर, रानाघाट, बर्धमान पूर्व, बर्धमान-दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर और बीरभूम के आठ निर्वाचन क्षेत्रों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
वहीं, 20 मई को पांचवें चरण में बनगांव, बैरकपुर, हावड़ा, उलुबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली और आरामबाग के सात निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होंगे। 25 मई को छठे चरण में आठ निर्वाचन क्षेत्रों - तामलुक, कांथी, घाटल, झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा और बिष्णुपुर में चुनाव होंगे.