इस साल 15 जनवरी से शुरू हो रहा कुंभ मेला पिछले कई सालों की तुलना में काफी भव्य और बेहतरीन होने वाला है। कुंभ मेले में इस बार श्रद्धालुओं और पर्यटकों को रेल, सड़क और हवाई मार्ग के साथ-साथ ही जलमार्ग से भी लाने की तैयारी है। कुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ‘क्रूज सर्विस’ के माध्यम से प्रयागराज के आसपास के दर्शनीय स्थलों की भी सैर कराई जाएगी।
बनाए गए हैं चार फ्लोटिंग टर्मिनल्स
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी में क्रूज सर्विस की सुविधा सही तरीके से चल सके इसके लिए 4 फ्लोटिंग टर्मिनल्स बनाए गए हैं। ये टर्मिनल्स हैं- पुराना नैनी ब्रिज, किला घाट, सुजावन घाट और सरस्वती घाट। 1 जनवरी को ही जलमार्ग प्राधिकरण ने क्रूज सर्विस को मेला प्रशासन के हवाले कर दिया था।
वाराणसी से इलाहाबाद के बीच क्रूज
वाटर टूरिज्म बढ़ाने के लिए कुंभ मेला के दौरान तीर्थराज प्रयाग से भगवान शिव की नगरी काशी के बीच गंगा नदी में क्रूज का संचालन किया गया है। पूरे कुंभ के दौरान नियमित तौर पर बड़ी बोट व क्रूज का संचालन वाराणसी से प्रयाग के बीच होगा।
'यमुना नदी में सरस्वती घाट, किला घाट, बोट क्लब, पुराने यमुना ब्रिज के पास और सुजावनदेव में टर्मिनल बनाया गया है जबकि गंगा नदी में इलाहाबाद से वाराणसी के बीच छतनाग, सीतामढ़ी, विन्ध्याचल, चुनार और सिरसा में कुंभ के मद्देनजर अस्थाई टर्मिनल का निर्माण किया गया है। वाराणसी से इलाहाबाद के बीच बड़े बोट और क्रूज का संचालन हो सके इसके लिए नदी में एक मीटर का चैनल भी बनाया गया है।' 1 जनवरी को ही जलमार्ग प्राधिकरण ने क्रूज सर्विस को मेला प्रशासन के हवाले कर दिया था।
कितना होगा किराया
क्रूज की सवारी का मजा लेने के लिए 200 रुपये से 1200 रुपये प्रति व्यक्ति चुकाने होंगे। क्रूज सर्विस की कीमत की बात करें तो किला घाट से सुजावन घाट के बीच की 18 किलोमीटर की दूरी का किराया 200 रुपये से 1200 रुपये प्रति व्यक्ति के बीच है। क्रूज सर्विस की सुविधा हर दिन सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक मिलेगी और हर राइड के बीच 30 मिनट का अंतर होगा।
हो चुकी है क्रूज राइड की शुरुआत
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण यानी इन्लैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने प्रयागराज (इलाहाबाद) में 5 जनवरी से मोटरबोट्स और क्रूज राइड की शुरुआत कर दी है। प्राधिकरण के दो जहाज सीएल कस्तूरबा और एसएल कमला समेत 20 मोटरबोट्स हैं जो श्रद्धालुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करेंगे। सीएल कस्तूरबा की क्षमता करीब 150 यात्रियों की है। साथ ही, निजी क्रूज और बड़े बोट भी लाइसेंस लेकर गंगा और यमुना नदियों में चलेंगे।
15 जनवरी 2019 से शुरू हो रहा कुंभ मेला 55 दिनों तक चलेगा
कुंभ मेला हर 12 साल में आता है। दो बड़े कुंभ मेलों के बीच एक अर्धकुंभ मेला भी लगता है। इस बार साल यानी 15 जनवरी, 2019 से शुरू होने वाला कुंभ मेला दरअसल, अर्धकुंभ ही है। लेकिन जिस प्रकार से इस अर्धकुंभ मेले की तैयारियां चल रही हैं, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि यह पूर्ण कुंभ मेला ही है। कुंभ मेला 55 दिनों तक चलेगा और 4 मार्च 2019 को खत्म होगा।