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सरकारी बैंक 50 करोड़ से ज्यादा के एनपीए की करें जांचः वित्त मंत्रालय

बैंकिंग घोटालों के सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि होने वाली...
सरकारी बैंक 50 करोड़ से ज्यादा के एनपीए की करें जांचः वित्त मंत्रालय

बैंकिंग घोटालों के सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि होने वाली धोखाधड़ी का समय रहते पता लगाया जाए और इससे बचने के लिए 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के सबी एनपीए खाथों की जांच की जाए। आर्थिक अपराध कानून का उल्लंघन करने वाले सभी मामलों की जांच में डीआरआई और ईडी को शामिल किया जाए।

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी तरह के परिचालन और तकनीकी जोखिम से निपटने के लिए 15 दिन की समय सीमा की कार्ययोजना तैयार कर सीनियर अफसरों की जवाबदेही तक की जाए। बैंक के एमडी धोखाधड़ी का पता लगाकर इन्हें समय से सीबीआई को रेफर करें। 


वित्त मंत्रालय के अधिकारी राजीव कुमार के मुताबिक, बढ़ते जोखिम से निपटने के लिए बैंकों के कार्यकारी निदेशकों और चीफ टेक्नोलॉजी अफसर से ब्लूप्रिंट बनाने को कहा गया है। साथ ही खामियों या गलतियों की पहचान करने को कहा गय है जो आगे जोखिम बन सकती हैं। जोखिम के खतरे खत्म करने का हल ढूंढना होगा। बता दें कि पीएनबी के कथित घोटालों की जांच कई एजेंसियां मिलकर कर रही है। सोमवार शाम में पीएनबी की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को नीरव मोदी और उनके बिजनस पार्टनर मेहुल चौकसी की ओर से 1,322 करोड़ रुपये के एक और फ्रॉड के बारे में जानकारी दी गई।

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