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दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर 6 फरवरी को देश के राजमार्गों पर करेंगे चक्का जामः राकेश टिकैत

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 73 दिन जारी है। किसान शनिवार यानी 6 फरवरी...
दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर 6 फरवरी को देश के राजमार्गों पर करेंगे चक्का जामः राकेश टिकैत

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 73 दिन जारी है। किसान शनिवार यानी 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कह  कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर बाकी समूचे देश में राजमार्गों पर चक्का जाम करेंगे।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। ये जाम दिल्ली में नहीं होगा। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वे तीनों कृषि कानून वापिस नहीं लेती है तो किसानों का आंदोलन अक्तूबर तक जाएगा। टिकैत ने कहा कि अब किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। टिकैत ने अल्टीमेटम दिया है कि  देशभर में 40 लाख ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।

राकेश टिकैत और किसान आंदोलन संघर्ष मोर्चा के नेता बलबीर सिंह के बीच शुक्रवार की दोपहर गाजीपुर बॉर्डर पर एक बैठक हुई जिसमें छह तारीख की घोषणा को लेकर विस्तृत चर्चा और कार्य योजना पर विचार विमर्श किया गया। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद किसान मोर्चा ने घोषणा करते हो बताया की देश के विभिन्न इलाकों में छह तारीख को परीक्षा और अन्य कार्यक्रम हैं। ऐसे में बंद का आवाहन करने से छात्रों और जन सामान्य को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इन सब बातों पर विचार विमर्श करने के लिए किसान आंदोलन संघर्ष मोर्चा के नेता बलवीर सिंह और राकेश टिकैत ने गाजीपुर बार्डर पर बैठक की।

बैठक के बाद शुक्रवार को राकेश टिकैत ने इस संबंध में बताया कि हरियाणा और पंजाब में गेहूं की कटाई लगभग अंतिम चरण में है वहां बंद का आवाहन पूर्व की भांति जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान नहीं  करने का निर्णय लिया गया है।

टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड में गेहूं की कटाई अभी नहीं हुई है ऐसे में किसान को थकाना नहीं है किसान की ऊर्जा बनी रहे और वह क्रमवार आंदोलन में अपना योगदान भी देते रहे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर दिए जाने वाले ज्ञापन में स्थानीय मुद्दे, एमएसपी पर कानून और कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही जाएगी।

किसान संयुक्त मोर्चा के संयोजक डा.दर्शन पाल के मुताबिक आंदोलन स्थलों के निकट क्षेत्रों में इंटरनेट,बिजली पानी व मूलभूत सेवाएं बाधित करने और इन स्थलों को चारों ओर से कंटीली तारों से घेरे जाने के विरोध में किसान संगठन तीन घंटे तक राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर अपना विरोध जताएंगे। हम कल दिल्ली में चक्का जाम नहीं कर रहे हैं। हम सभी बार्डरों पर शांतिपूर्ण तरह से बैठे रहेंगे। दोपहर 12 से 3 बजे तक ही चक्का जाम रहेगा।

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का आश्वासन दिया है पर हरियाणा के चार जिलों में अभी भी इंटरनेट सेवाएं राज्य सरकार ने प्रतिबंधित कराई हुई हैं। इनमें किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर स्थित धरना स्थल सिंघु,टिकरी बॉर्डर भी शामिल हैं। 

किसानों के चक्का जाम को देखते हुए धरनास्थलों-सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है।

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