दिल्ली सरकार के निगमों द्वारा खुदरा शराब व्यापार से संबंधित मौजूदा आबकारी नीति को राष्ट्रीय राजधानी में कुछ और समय के लिए बढ़ाए जाने की संभावना है क्योंकि नयी आबकारी नीति अभी तैयार की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को रद्द कर दिया है और इसे लागू किए जाने में अनियमितता के आरोपों पर उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच की सिफारिश किए जाने के बाद पिछले वर्ष 31 अगस्त के अपने आदेश को उसने वापस भी ले लिया है।
पुरानी आबकारी नीति पर लौटने के साथ सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 के तहत निजी दुकानदारों की जगह अपने चार नगर निगमों को शराब की दुकान खोलने की अनुमति दी।
नयी आबकारी नीति बनाने के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जबकि नगर निगमों को पिछले साल एक सितंबर से छह महीने तक दिल्ली में शराब की दुकान खोलने एवं चलाने की जिम्मेदारी दी गई है।
हालांकि सूत्रों ने सोमवार को कहा कि प्रधान सचिव (वित्त) की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को अभी अपनी रिपोर्ट नहीं दी है।
छह महीने की वह अवधि 28 फरवरी को समाप्त हो रही है, जिसके लिए पुरानी आबकारी व्यवस्था को संचालित करने की अनुमति दी गई थी।