नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को 59वें दिन भी जारी है। किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई 11वें दौर की बैठक में दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण कोई सहमति नहीं बन सकी। किसानों की आज दिल्ली और एनसीआर की पुलिस के साथ मीटिंग हुई। इसमें पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर रैली निकालने की बात मान ली।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि अब हम दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। पुलिस अब हमें नहीं रोकेगी। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग पांच रूटों से अपनी परेड निकालेंगे। परेड शांतिपूर्वक होगी। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत सभी किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली योजना के अनुरूप निकाली जाएगी और किसान यूनियनों ने पुलिस से कहा है कि इस दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है। योगेंद्र यादव ने कहा कि 26 जनवरी को किसान गणतंत्र दिवस परेड निकालेंगे। बैरिकेड्स खुले रहेंगे और दिल्ली में दाखिल होंगे। रूट को लेकर किसानों और दिल्ली पुलिस में सहमति बन गई है।
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर पुलिस ने कहा कि ''किसानों ने अभी तक हमें कोई लिखित रूट नहीं दिया है। लिखित रूट आएगा उसके बाद बताएंगे।'' बता दं कि दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने पर किसान अड़े हुए थे लेकिन दिल्ली पुलिस उन्हें रैली निकालने से रोकने की कोशिश कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट में भी किसान आंदोलन के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस पर फैसला पुलिस को लेना होगा।
दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली को लेकर मंत्रम फार्म हाउस में किसान नेताओं और पुलिस की बैठक शुरू। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, डॉ. दर्शनपाल सिंह और योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। यूपी पुलिस, हरियाणा पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस की ओर से मनीष चन्द्र और दीपेंद्र पाठक पहुंच बैठक में पहुंच चुके हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर आने वाले ट्रैक्टर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और किसान संगठनो का झंडा ट्रैक्टरों में बांध कर बढ़ रहे हैं। यूपी गेट बॉर्डर पर आज किसानों की संख्या बढ़ी है। पुलिस बल भी बढ़ाया गया है। मैक्स अस्पताल वाले कट से वाहनों को यूपी गेट नहीं जाने दिया जा रहा है।
राजधानी की सीमा से सटे इलाकों में किसानों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को 59वें दिन भी जारी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों से आए हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। यह प्रदर्शन 26 नवंबर को शुरू हुआ था। किसान तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। सरकार ने तीन कृषि कानूनों का क्रियान्वयन 12-18 महीनों तक स्थगित रखने और तब तक चर्चा के जरिए समाधान निकालने के लिए समिति बनाए जाने सहित केंद्र सरकार की ओर से अब तक वार्ता के दौरान कई प्रस्ताव दिए गए लेकिन किसान संगठन इन कानूनों को खारिज करने की मांग पर अड़े हैं।