एमएसपी समेत अपनी कई मांगों को लेकर आज यानी बुधवार को आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच करेंगे। इसको लेकर राजधानी की सुरक्षा बढ़ा दी गई हैं। टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रेलवे और मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी की गई है। अपनी कई मांगों को लेकर किसान लंबे समय से पंजाब-हरियाणा से लगे शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं।
इस बात का ख्याल रखते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने राजधानी के रेलवे स्टेशनों और इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। आने-जाने वाले हर शख्स की निगरानी की जा रही है। पुलिस मार्च को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है।
किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा, ''6 मार्च को पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर शांतिपूर्वक तरीके से कूच करेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है..."।
#WATCH शंभू बॉर्डर: किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा, ''कल, 6 मार्च को पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर शांतिपूर्वक तरीके से कूच करेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है..." pic.twitter.com/5Jo8jo8bG2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2024
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने तीन मार्च को देश भर के किसानों से प्रदर्शन के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया था। उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 10 मार्च को चार घंटे के लिए देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का भी आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। वैसे इन सीमाओं पर पहले से भी जवानों की तैनाती है। 24 घंटे कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है क्योंकि किसानों के ट्रेन और बस में भरकर आने की संभावना है। रेलवे और मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बल पहले ही तैनात किए जा चुके हैं।
किसान संगठनों ने 10 मार्च को देशभर में 'रेल रोको' आंदोलन का भी आह्वान किया है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (रेलवे) केपीएस मल्होत्रा ने कहा है कि किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'हम रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की आवाजाही पर लगातार नजर रख रहे हैं।' दिल्ली के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों जैसे नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार, सराय रोहिल्ला पर सुरक्षा बढ़ाई गई है।
पुलिस की यात्रियों से अपील
पुलिस ने कहा कि बुधवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण यात्रियों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर पहले से ही भारी जाम देखा गया क्योंकि किसान वहां इकट्ठा होने लगे।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह टिकरी, सिंघू और गाज़ीपुर सीमाओं के साथ-साथ रेलवे और मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखेगी। एक अधिकारी ने कहा, "हमने तीनों सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि, हम किसी भी सीमा या मार्ग को बंद नहीं कर रहे हैं लेकिन वाहन जांच होगी।"
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) जिमी चिरम ने कहा कि दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बल पहले से ही तैनात है। "किसानों के इस आह्वान के मद्देनजर हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।"
फरवरी से चल रहा किसानों का प्रदर्शन
दरअसल, किसानों ने 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत अपने प्रदर्शन की शुरुआत की। प्रदर्शनकारी किसानों को पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक लिया गया, जिसकी वजह से झड़प की घटनाएं भी देखने को मिलीं। इसके बाद से ही किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ही टिके हुए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता भी हुई है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है।
ये हैं किसानों की मांगें
किसानों की सरकार से कई मांगे हैं, जिनमें सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), किसानों की कर्जमाफी और नवंबर 2020-दिसंबर 2021 तक चले किसान प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए नौकरी शामिल हैं। इसके अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों को न्याय दिलवाना और किसान प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज हुए केस को रद्द किया जाना भी किसानों की मांग है।