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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज 'भारत बंद', कई पार्टियों ने दिया समर्थन, जानें- क्या खुला और क्या रहेगा बंद

आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद की पूरी तैयारी कर ली है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दिल्ली...
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आज 'भारत बंद', कई पार्टियों ने दिया समर्थन, जानें- क्या खुला और क्या रहेगा बंद

आंदोलनकारी किसानों ने 27 सितंबर के भारत बंद की पूरी तैयारी कर ली है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर किसान धरने पर बैठेंगे। आंदोलन स्थल पर गांव से किसानों को नहीं बुलाया जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान ही एनएच-24 और एनएच-9 को ट्रैफिक के लिए बंद कर देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तत्वावधान में तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा सोमवार को आहूत 10 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कई गैर-राजग दलों ने समर्थन दिया है। संगठन ने रविवार को बंद के दौरान पूर्ण शांति की अपील की और सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर काफी बड़ी संख्या में किसान पहले से ही मौजूद हैं। वे किसान ही यहां भारत बंद की योजना के तहत कार्य करेंगे। यूपी के जनपदों से किसान उस दिन यहां नहीं आएंगे। वे अपने-अपने क्षेत्र में बंद का आयोजन करेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक के लिए किया गया है। इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है।

बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा। आंदोलनकारी किसानों को साफ हिदायत दी गई है कि एंबुलेंस के सायरन की आवाज को सुनते ही उसके लिए तुरंत रास्ता दिया जाएगा। मालवाहक मोटर वीइकल को दिल्ली के अंदर या बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में कई प्राइवेट ट्रांसपोर्ट असोसिएशन फिर से जुड़ गए हैं। इस कारण उस दिन देश की सड़कों पर हैवी मोटर वीइकल जैसे ट्रक आदि की संख्या नहीं के बराबर दिखाई देगी। यूपी अध्यक्ष जादौन ने बताया कि अगर पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को हटाने की कार्रवाई की तो किसान जेल जाने को तैयार हैं। वे सड़कों से नहीं हटेंगे।

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम दलों और स्वराज इंडिया ने बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से वार्ता बहाल करने की मांग भी उठाई। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके सभी कार्यकर्ता किसान संगठनों व किसानों द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेंगे। बसपा प्रमुख मायावती ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, "देश के किसान केंद्र द्वारा जल्दबाजी में लाए गए तीन कृषि कानूनों का समर्थन नहीं करते हैं, और इससे दुखी हैं"।

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी 27 सितंबर को भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हमेशा ‘‘काले कानूनों’’ के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं। चड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल हमेशा इन काले कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे हैं। आम आदमी पार्टी, संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर के भारत बंद के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है।’’ केरल में, सत्तारूढ़ एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों ने देशव्यापी किसानों की हड़ताल का समर्थन किया है, जबकि भाजपा ने हड़ताल को "जनविरोधी" करार दिया है।

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष आर चंद्रशेखरन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चूंकि हड़ताल को एलडीएफ और यूडीएफ दोनों का समर्थन प्राप्त है, इसलिए सोमवार को राज्य के ठप होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर अन्य सभी ट्रेड यूनियन हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न तो वाहनों को रोका जाएगा और न ही दुकानों को जबरन बंद किया जाएगा। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने भी भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की है।

देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें डर है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो जाएगा। एसकेएम ने दावा किया कि अब तक आंदोलन में 605 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं।

किसान संगठन ने कहा, "कई बार एसोसिएशन और ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन की स्थानीय इकाइयों ने अपना समर्थन दिया है।" दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती इलाकों में चौकियों पर गहन गश्त और अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती जैसे पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं। पुलिस के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन की गहन जांच की जा रही है।

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