दरअसल, कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख को 'सड़क का गुंडा' कहा था। दीक्षित ने कहा था कि पाकिस्तान उल-जुलूल हरकतें और बयानबाजी ही कर सकता है, लेकिन अगर हमारे सेना प्रमुख जब 'सड़क के गुंडे' की तरह बोलते हैं, तो खराब लगता है।
इस तरह के विवादास्पद बयान के बाद भाजपा ने संदीप दीक्षित के खिलाफ लखनऊ के हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। इससे पहले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू और केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने संदीप दीक्षित के इस बयान की तीखी आलोचना की थी। हालांकि बाद में संदीप दीक्षित ने अपनी इस तरह की बयानबाजी को लेकर माफी भी मांगी थी। वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दीक्षित के इस बयान को गलत बताया था।
बता दें कि कांग्रेस नेता दीक्षित ने माफी मांगते हुए कहा था, 'मैं मानता हूं कि मैंने जो कहा है, वो गलत है, जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं और अपना बयान वापस लेता हूं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों से बचाव के लिए मेजर लीलुत गोगोई ने ह्यूमन शील्ड के तौर पर एक नागरिक को जीप की बोनट पर बांध दिया था, जिसके बाद मेजर के एक्शन को लेकर सियासी गलियारों में सवाल-जवाब का दौर शुरू हो गया था। इस पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मेजर गोगोई के एक्शन का समर्थन किया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में लड़े जा रहे डर्टी वॉर में जवानों को इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता। एक ओर जहां केंद्र सरकार और भाजपा ने सेनाध्यक्ष और मेजर गोगोई का समर्थन किया, वहीं विपक्षी पार्टियों और नेताओं ने मेजर गोगोई के एक्शन पर सवाल उठाए।