अलका लांबा की वजह से हुई परेशानी
अभी पुलिस और दमकलकर्मियों ने आग बुझाना शुरू ही किया था कि स्थानीय विधायक अलका लांबा मौके पर पहुंच गईं। इसके बाद वहां हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा देखने को मिला। वह आग पर काबू पाने के लिए आई स्पेशल क्रेन पर चढ़ गईं और इसकी वजह से वहां काफी देर तक काम रुका रहा। व्यापारी भी धीरे-धीरे परेशान होने लगे और नीचे से नारेबाजी होने लगी। इतना ही नहीं उन्हें नीचे उतारने के लिए बकायदा स्पेशल फायर ब्रिगेड की गाड़ी लगाई गई। वह क्रेन से तो नीचे उतरीं, लेकिन आग बुझाने गए दमकल पर चढ़ी रहीं। वहां तैनात पुलिस बल अलका लांबा के साथ-साथ ही चलता रहा।
कहा जा रहा है कि सीसगंज गुरुद्वारे से उन्हें पुलिस जिप्सी में बैठा कर आगे भेजने का प्लान था, लेकिन वह वहां भी नहीं उतरीं। ऐसे में पानी से भरी फायर ब्रिगेड को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ओर दौड़ा दिया गया। अलका लांबा इसके बाद ही वहां से निकलीं। अलका के इस कदम से वहां का व्यापारी वर्ग गुस्से में दिखा। उनका आरोप है कि विधायक की वजह से आग बुझाने में देरी हुई और आग तेजी से फैली।
अलका लांबा की सफाई
अलका ने ट्वीट किया कि कूचा महाजनी चांदनी चौक मेन बाजार में भयानक आग लगी थी, जिसे बुझाने में 20 दमकल गाड़ियां जुटी हुई थी। उन्होंने कहा कि आग में किसी जान का नुकसान नहीं हुआ। आग बुझाने में 3 घंटे लगे। उन्होंने क्रेन पर चढ़ने को लेकर हुए विवाद पर कहा कि फायर ऑफिसर्स ने मुझे लोगों से अपील करने को कहा था कि वे घबराए नहीं। अलका ने कहा कि उन्हें अपील करते देख बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल मुर्दाबाद, अलका लांबा मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।
अलका ने कहा, 'बीजेपी वालों को नारेबाजी करने से पहले यह पता नहीं था कि मैं वहां 2 घंटे से खड़ी हूं। दुख हुआ यह देखकर कि ऐसे समय में जब भयानक आग को बुझाने में फायर ऑफिसर और दिल्ली पुलिस की मदद करनी चाहिए, बीजेपी नेताओं ने राजनीति करना चुना, मुर्दाबादा कल कर लेते।'
अलका ने ट्वीट किया,'एक ओर बीजेपी के जीते हुए पार्षद अरविंद केजरीवाल/अलका लांबा मुर्दाबाद के लगाने में व्यस्त थे तो वहीं ‘आप’ के सिपाही फायर ऑफिसर्स को पानी पिलाने (मदद) का काम कर रहे थे।'