जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को पांच और राजनीतिक नेताओं को नजरबंदी से रिहा कर दिया। इन नेताओं को जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद हिरासत में रखा गया था। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं।
गुरुवार को जिन पांच राजनीतिक नेताओं को नजरबंदी से रिहा किया गया है, उनमें सलमान सागर (नेशनल कॉन्फ्रेंस), निजामुद्दीन भट (पीडीपी), शोकात गनाई (एनसी), अल्ताफ कललो (एससी) और मुक्तार बाबा (पीडीपी) शामिल हैं।
जनवरी की शुरुआत में सरकार ने पीडीपी के अशरफ मीर, रफी मीर और माजिद पद्दर और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के हकीम यासीन को रिहा किया था। इससे पहले पांच नेताओं इशफाक जब्बार और गुलाम नबी भट (एनसी), बशीर मीर (कांग्रेस) और जहूर मीर, याशिर रेशी (पीडीपी) को रिहा किया गया था।
नवंबर में शुरु हुई थी रिहाई
नेताओं की रिहाई नवंबर 2019 के अंतिम सप्ताह से शुरू हुई थी। 25 नवंबर को पीडीपी के दिलावर मीर और डेमोक्रैटिक पार्टी नैशनलिस्ट के गुलाम हसन मीर को रिहा किया जा चुका था। वहीं, कई बड़े नेता अभी तक नजरबंद हैं।
5 अगस्त के बाद किए गए थे नजरबंद
पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने से पैदा हुए हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अलगाववादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया था।